कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में केन्द्र सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लागू कर दिया है। इस लॉकडाउन को सही साबित करने के लिये प्रमुख समाचार पत्रों और टीवी चैनलों ने सरकार के इस कदम का ब्लाइंड सपोर्ट करना भी शुरू कर दिया है। टीवी के एन्कर चीख चीख कर विपक्ष पर निशाना साधते हुए सरकार का खुले आम सपोर्ट कर रहे हैं। ऐसा करने के लिये वो फर्जी न्यूज भी प्लांट करने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसी ही एक खबर एक प्रमुख समाचार चैनल पर चलायी गयी जिसमें एन्कर ने यह कहा कि आईसीएमआर की रिपोर्ट है कि लॉकडाउन अगर देश मेे लागू नहीं होता तो कोरोना के साढ़े आठ लाख लोग संक्रमित होते। मोदी सरकार के लॉक डाउन के कारण भारत में मात्र साढ़े छह हजार लोग ही संक्रमित हुए है। इसी बात को बढ़ा चढ़ा कर दूसरे सरकार समर्थक मीडिया हाउस व चैनल ऐसे ही समाचार चला कर दर्शकों को भ्रमित कर रहे हैं। दूसरी ओर आईसीएमआर ने अपनी ऐसी कोई रिपोर्ट जारी करने से इनकार किया है। न्यूजलॉ्न्ड्री वेबसाइट ने इस रिपोर्ट की जांच पड़ताल कर एक न्यूज पब्लिश की है। इसके अलावा न्यूज फैक्ट चैक करने वाली एजेंसी ने भी आईसहएमआर की रिपोर्ट के बारे में पूरी छानबीन कर यह बताया कि टीवी चैनलों पर चलने वाली ऐसी कोई रिपोर्ट पूरी तरह से फर्ज है। इसे सरकार के पक्ष में दिखाने के लिये गलत बयानी की है। इसके अलावा केन्द्र सरकार के एक अधिकारी विकास स्वरूप ने भी समाचारवार्ता में आईसीएमआर की रिपोर्ट के आधार पर बयान दिये है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि सरकारी अफसर और गोदी मीडिया लोगों को असलियत न बता कर लोगों को भ्रमित प्रयास किया जा रहा है।
अफसोसजनक यह है कि देश कोरोना के संकट से जूझ रहा है ऐसे में समाचार पत्रों और टीवी चैनलों के प्राइम टाइम में हिन्दू मुस्लिम का गंदा खेल खेला जा हरा है। हिन्दू मुस्लिम को और भी संगीन करने में टीवी समाचारों में समुदाय विशेष से जुड़ी संस्था पर टारगेट कर विशेष कार्यक्रम और भ्रामक करने के लिये तब्लीगी शब्द का इस्तेमाल जम कर किया जा रहा है।