पिछले 34 दिनों से पूरे देश् में लॉकडाउन व कोविड19 के अलावा किसी विषय पर बात नहीं सुनायी पड़ रही है। ऐसे में केन्द्र सरकार के मंत्री और विधायक मनमानी और रुतबा दिखाने से नहीं चूक रहा है। कुछ लोग लॉकडाउन का उल्लंघन करने से बाज नहीं आ रहा है वहीं दूसरी ओर केन्द्रीय कानून मंत्री के बेटे को बार काउन्सिल की बिना आन लाइन परीक्षा के ही सुप्रीम कोर्ट का वकील बना दिया गया है। उनके बेटे के चयन को लेकर विरोध भी शुरू हो गया है। मध्यप्रदेश के एक वकील बीए बांठिया ने मंत्री के बेटे के चयन पर सवाल उठाये हैं। फिलहाल कानून मंत्री ने इस विषय पर चुप्पी साध ली है।
भोपाल। कहते है कि सत्ता हाथ में आते ही पावर विरासत में मिल जाती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्री के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ है। मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के बेटे को बिना परीक्षा पास किए बिना ही सुप्रीम कोर्ट का सरकारी वकील बना दिया गया। रविशंकर प्रसाद के ऐसे बेटे को सुप्रीम कोर्ट में अपना स्थायी वकील बना दिया, जो इस योग्य ही नहीं है। केंद्रीय टेलिकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद के बेटे आदित्य शंकर को बिना बार काउंसिल द्वारा आयोजित ऐडवोकेट ऑन रेकॉर्ड परीक्षा पास किए बिना ही सुप्रीम कोर्ट का वकील बना दिया गया। आदित्य को मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना सरकारी वकील नियुक्त कियाहै। आदित्य की नियुक्त पर सुप्रीम कोर्ट में 12 साल तक मध्य प्रदेश सरकार के स्थायी वकील रहे ऐडवोकेट बीएस बांठिया ने ऐतराज जताया है। जब इस मामले में रविशंकर प्रसाद से पूछा गया तो उन्होंने इस पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया। ऐसे में रविशंकर प्रसाद के बेटे की नियुक्त पर सवाल उठने लाजिमी है।