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Open Letter to CM Kejriwal—इलाज के बिना मर रहे हैं लोग

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Open Letter to CM Kejriwal—इलाज के बिना मर रहे हैं लोग
An Open letter to CM for miss management in Medical sevices in Delhi

सीएम के नाम खुला खत—इलाज के बिना मर रहे हैं लोग

हाल में एक ऐसा समाचार सुनने में मिला कि एक 70 साल के बुजुर्ग को अपने इलाज के लिये हाई कोर्ट का सहारा लेना पड़ा लेकिन वहां से न्याय मिलने से पहले ही उसकी जान चली गयी। दिल्ली के सीएम केजरीवाल टीवी चैनलों पर यह कहते नहीं अघा रहे हैं कि दिल्ली में कोरोना के रोगियों के लिये बिस्तरों की कमी नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री कह रहे हैं कि पांच हजार से ज्यादा बेड खाली पड़े हैं तो एक बूढ़ा व्यक्ति अपने इलाज के लिये दिल्ली के अनेक अस्पतालों में चक्कर क्यों काट रहा था। लेकिन उसका इलाज नहीं किया गया। वह कोरोना से पीड़ित था। इतना ही नहीं उसने इलाज के लिये दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका भी दायर की थी। इसके लिये उसके घर वालों ने कर्ज लिया था। लेकिन अदालत से न्याय मिलता उससे पहले वृद्ध का निधन हो गया।

सीएम साहब वैसे तो आपने दिल्ली की जनता के लिये काफी काम किया है। लेकिन इस हादसे से लोगों में काफ रोष है। खास तौर से मैं आपकी सरकार से खासा नाखुश हूं। चुनाव के दौरान केजरीवाल जी आपने घर घर जा कर लोगों को विश्वास दिलाते हुए कहा कि मैंने आपके बड़े बेटे की तरह पिछले पांच साल सेवा की है। मैंने आपके इलाज के लिये स्वास्थ्य सेवा में काफी सुधार किया है। आपके लिये चार धाम की यात्रा की मुफ्त का इंतजाम किया। सीएम साहब मैं आपकी इन सब बातों को मानता हूं। लेकिन यह भी सच है कि आपकी दिल्ली में सत्तर साल के मोतीलाल ने इलाज के अभाव में कोरोना के प्रकोप से जान दे दी है। इसे आप झुठला नहीं सकते। सत्तर साल के मोतीराम ने अपने कोरोना इलाज के लिये न जाने ​ििकतने अस्पतालों में ऐड़ियां रगड़ी लेकिन किसी भी सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं मिला। वैसे तो आप नेता लंबी लंबी बातें करते हैं लेकिन मोतीराम की हालत पर किसी को तरस नहीं आया। कोई भी ऐसा दर नहीं बचा जहां मोतीलाल ने मदद की गुहार नहीं की। लेकिन कहीं से मोतीलाल को मदद नहीं मिली।

हालात बिगड़ते देख मोतीलाल के घर वालों ने इलाज के लिये दिल्ली हाईकोर्ट रिट भी दायर की थी। पाच जून को इस मामले पर सुनवायी होनी थी। लेकिन चार तारीख की रात मोतीलाल सारी समस्याओं से मुक्त हो गया। कोरोना ने एक और असहाय और गरीब की जान ले ली। लेकिन सीएम साहब मोतीलाल को कोरोना ने नहीं बल्कि सामाजिक व्यवस्था ने निगल लिया। आप भले ही इस बात की दुहाई देते रहें कि उनकी सरकार की तारीफ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में होती है लेकिन मोतीलाल की मौत एक वजह सरकारी लापरवाही और गरीबों  की अनदेखी भी है। इसे आपको भी मानना भी होगा।

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