Rajyasabha for Marshal’s News uniform-राज्यसभा मार्शल्स की पी कैप व वर्दी पर उठने लगे...
नयी दिल्ली। राज्यसभा में रहने वाले मार्शल्स की वर्दी में किये गये बदलाव का मामला गरमाने लगा है। इस बदलाव के खिलाफ कुछ पूर्व सैन्य अधिकारियों और राजनीतिक दलों...
Nitish supported Saryu Rai-बागी सरयू को मिला एनडीए के दिग्गज नेता का साथ
झारखंड के पूर्व मंत्री व एमएलसी सरयू राय ने भी बीजेपी की जड़ों में मट्ठा उालने का काम शुरू कर दिया है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री रघुवर दास के खिलाफ ही जमशेदपुर पूर्व से उम्मीदवार का पर्चा दाखित कर दिया है। ऐसे में बीजेपी को अपने ही गढ़ में सीएम की साख बचाने में लाले पड़ रहे है। ऐसी संकट की घड़ी में बिहार के सीएम नितीश कुमार ने भी सरयू राय का समर्थन कर दिया है।
शिवसेना ब्रेकअप, शिवसेना मंत्री ने भी दिया इस्तीफा
नयी दिल्ली।शिवसेना ने एनडीए से अपना पल्ला झाड़ लिया है। इस तरह 30 साल पुराना बीजेपी से दोस्ताना शिवसेना ने खत्म करने का ऐलान कर दिया। बीजेपी यह कह...
राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला—मोेदी सरकार के दोनों हाथ में लड्डू
पिछले कई माह से सुप्रीम कोर्ट में लगातार राम मंदिर व बाबरी मस्जिद मामले पर सुनवायी चल रही थी। पांच जजों की पीठ ने उस पर आये फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था। 17 नवंबर को इस मामले पर फैसले को सुना दिया जायेगा। ऐसे में भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में इस फैसले को लेकर काफी जिज्ञासा है। बहुसंख्यकों व अल्पसंख्यकों में भी काफी बेचैनी है। लेकिन केन्द्र की बीजेपी सरकार इस मामले को लेकर काफी शांत दिख रही है।
सर्द हवाओं ने मौसमी अस्थमा और एलर्जी को 50% तक बढ़ाया
पिछले कुछ हफ्तों में सुबह और देर शाम की ठंड ने फ्लू के मामलों को बढ़ा दिया है और कोलंबिया एशिया अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार, माइग्रेन, साइनस में असुविधा या गैर-माइग्रेन पीड़ितों में सिरदर्द हो सकता है। उनका कहना है कि मौसमी बीमारियों, जिनमें माइग्रेन, जुकाम, गले में खराश और बुखार शामिल हैं, में लगभग 50% प्रतिशत उछाल होता है।
तापमान में परिवर्तन व मौसमी बदलाव हमारे समग्र स्वास्थ्य पर काफी प्रभाव डालता है, यह अपने साथ पर्यावरण में सक्रिय रोगाणुओं को बढ़ावा देता है, जिससे लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं।
पटाखे फोड़ने से हवा की गुणवत्ता बिगड़ती है
पटाखे फोड़ने से दीवाली के बाद हर साल हवा की गुणवत्ता बिगड़ती है। आमतौर पर ऐसा महसूस होता है कि दीवाली के बाद कुछ दिनों में प्रदूषण साफ हो गया है, लेकिन सर्दियों और अन्य पर्यावरणीय कारकों की शुरुआत के कारण, दीवाली के आसपास होने वाले प्रदूषण को फैलने में लगभग 4 महीने लगते हैं और इसलिए इन गैसों के लिए लंबे समय तक रिस्क बढ़ जाता है। जबकि प्रत्येक व्यक्ति खराब वायु गुणवत्ता से प्रभावित होता है, सबसे अधिक इनका प्रभाव बच्चों पर होता है। च्चे वयस्कों की तुलना में अधिक सेंसटिव होते हैं और इसलिए उनके फेफड़ों में हवा का सेवन अधिक होता है, क्योंकि उनके फेफड़े किशोर होने तक पूरी तरह से विकसित नहीं होते हैं। बच्चों की पर्यावरण कारक और प्रदूषण को फ़िल्टर करने या उन्हें अलग करने की क्षमता अलग है। इसके अलावा, बच्चों में श्वांसनली मार्ग वयस्कों की तुलना में अधिक सेंसटिव होता है, जो उन्हें बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील बनाता है। दैनिक आधार पर हम कई बच्चों को 4 साल के युवा के रूप में देख रहे हैं जो जहरीली हवा के कारण बीमार हैं। आज हमारे जैसे प्रदूषित शहरों के बच्चों में नेबुलाइज़र का उपयोग बहुत अधिक हो रहा है, ”डॉ। पीयूष गोयल, पल्मोनोलॉजिस्ट, कोलंबिया एशिया अस्पताल, गुड़गांव
पंजाब में युवती ने सगे भाई से क्यों की शादी
लोग शोहरत और दौलत के लिये बेमेल शादी कर लेते हैं लेकिन पंजाब में तो एक लड़की ने अपने ही सगे भाई शादी कर ली। हैरानी की बात तो यह है कि इस अनैतिक शादी में लड़की के घर वाले भी शामिल थे। जिस किसी ने भी इस शादी की बात सुनी उसका मुंह खुला कर खुला ही रह गया। एक मामूली बात के लिये रिश्ते तार तार कर दिये सामाजिक व्यवस्था को भी दागदार कर दिया। कारण भी अजीबो गरीब बताया जाता है। बताया जाता है कि लड़की आस्ट्रेलिया में शिफ्ट होना था।
गुणकारी जीरा एक फायदे अनेक
भारत में कोई भी ऐसा नहीं होगा जो जीरे से परिचत न होगा। जीरा भारतीय रसोई में एक मसाले के रूप में जाना जाता है। यह बहुत उपयोगी और आसानी से उपलब्ध होने वाला मसाला है। इसे सब्जियों में डाला जाता है। इससे बनने वाली सब्जी सुगंधित, टेस्टी और पौष्टिक हो जाती है। दालों और सब्जियों में इसका विशेष प्रयोग किया जाता है।
लेकिन आपको सायद ये पता ना हो की जीरे का तेज स्वाद और सुगंध इसको कई औषधीय गुण प्रदान करता है इसकी सबसे बड़ी खासियत है वजन कम करने की। एक ताजा अध्ययन में पता चला है कि जीरा पाउडर के सेवन से शरीर मे फैट कम होता है जीरा पानी पीने के फायदे से स्वाभाविक रूप से वजन कम करनें में मदद मिलती है।
प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये परेशान न हों इन्हें अपनायें
इम्यूनिटी में सहायक घरेलू हर्बल तत्व और दवाएं हैं। उनमे एक तुलसी है जो भारत में पूजी भी जाती है। इसका औषधि के अलावा धार्मिक भी महत्व है। इसके सभी हिस्से उपयोग में लाये जाते हैं। कैंसर व सर्दी जुकाम जैसे रोगों में तुलसी का उपयोग प्रचीनकाल से होता आ रहा है। कई रोगों में तुलसी के पत्ते काफी प्रभावी होते हैं। तुलसी के पत्तों और फूल में कई रासायनिक तत्व पाये जाते हैं, शरीर को अंदर और बाहरी तौर से मजबूत करते हैं। इम्यूनिटी बढ़ाने में भी तुलसी काफी असरदायक है। इसी वजह से तुलसी को दवाओं की रानी कहा जाता है।
घरेलू मसालों और जड़ी बूटियों से बढ़ायें प्रतिरोधक क्षमता
घर की रसोई ऐसे मसाले और हर्ब उत्पाद पाये जाते है जिसमे प्राकृतिक हर्बल मेडिसिन फाइटो केमिकल वायो फ्राइनाइड जिसमे एंटी इनफ्लैमेटरी और एण्टी आक्सिडेंट की क्षमता है। इन सभी मसालों में प्रतिरोधक क्षमता बढाने मे अत्यंत सहायक है। नेचुरल हर्ब होने की वजह से इसके साइड इफैक्ट के चांसेस न के बराबर होते हैं।