काफी दिनों से आम आदमी पार्टी विधायक और पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा ही दिया। काफी समय से कपिल मिश्रा पार्टी और संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ जहर उगल रहे थे। पार्टी उन पर कार्रवाई करने के लिये काफी समय से विचार कर रहे थे। लेकिन पार्टी ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की थी। कपिल मिश्रा काफी समय से बीजेपी नेताओं के साथ सक्रिय दिख रहे थे। लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार का प्रचार और जनसंपर्क किया था। पार्टी इन बातों को काफी समय से बर्दाश्त कर रही थी। शुक्रवार को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष एवं स्पीकर रामनिवास गोयल ने आप विधायक कपिल मिश्रा को अयोग्य घोषित कर दिया। इस कपिल मिश्रा ने अपने ट्विटर आम आदमी पार्टी पर हमला कर दिया। कपिल ने कहा कि उन्होंने हमेशा जनहित की बातों को उठाया है। आम आदमी पार्टी मुझसे डर रही है यह जानकर खुशी हो रही है। आप न तो अदालत में टिक आयेगी और जनता के सामने।
कपिल मिश्रा के अयोग्य घोषित होने पर दिल्ली बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया जतायी है। आम आदमी पार्टी में कोई जब अरविंद केजरीवाल के आगे आवाज उठाता है तो उसके साथ कपिल मिश्रा जैसा व्यवहार किया जाता है।
आम आदमी पार्टी की तरफ से सौरभ भारद्वाज ने विधानसभा अध्यक्ष से कपिल मिश्रा की शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि कपिल मिश्रा पार्टी की नीति के खिलाफ जाकर लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिताने के लिए भाजपा के समर्थन में अभियान चला चुके हैं। पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ‘केजरीवाल भगाओ दिल्ली बचाओ’ अभियान चला चुके हैं। स्कूलों में स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों को लेकर भाजपा द्वारा उपराज्यपाल को दिए गए शिकायती पत्र में भी कपिल मिश्र ने दस्तखत किए हैं।
सौरभ भारद्वाज का कहना था कि दूसरे दल के मंच पर जाना, अपनी पार्टी के नेता और पार्टी की नीति की आलोचना करना भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में आता है। इसलिए इन्हें विधानसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित किया जाए।
सौरभ भारद्वाज का कहना था कि दूसरे दल के मंच पर जाना, अपनी पार्टी के नेता और पार्टी की नीति की आलोचना करना भी पार्टी विरोधी गतिविधियों में आता है। इसलिए इन्हें विधानसभा सदस्य के तौर पर अयोग्य घोषित किया जाए।
मालूम हो कि कपिल मिश्रा के बीजेपी साथ काफी गहरे रिश्ते हैं। इतना ही नहीं उनका मां अन्नपूर्णा मिश्रा एमसीडी की चेयरमैन रह चुकी हैं। उनकी गिनती बीजेपी के बड़े नेताओं में की जाती है। आम आदमी पार्टी में रहते हुए भी मिश्रा बीजेपी के मंचों पर सक्रिय दिखते थे। इतना ही नहीं उन्होंने पार्टी और सरकार के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान भी चलाया था।