नयी दिल्ली। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति और गुरु हरिकृष्ण मेडिकल फोरम के तत्वावधान में बैसाखी के मौके पर एक दिवसीय प्रथम सिख मेडिकल प्रोफेशनल्स काॅक्लेव का आयोजन भाई वीर सिंह साहित्य सदन में किया गया। इस मौके पर दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंध समिति के जत्थेदार मनजीत सिंह सिरसा समेत अनेक ग्रंथी और समिति के तहत चलने वाले स्वास्थ्य संस्थानों के पदाधिकारी इस काॅक्लेव में शामिल हुए। इस मौके पर दिल्ली व आसपास प्रदेशों के वरिष्ठ डाक्टरों ने भी अपने विचार रखे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डा.आईपीएस कालरा ने की। इस काॅनक्लेव के आयोेजन का मुख्य उद्देश्य पंथ ओर गुरु की बताई हुई शिक्षा को अपनाते हुए सेवा और इमानदारी पर बल देना था। इस मौके पर बालाजी साहब अस्पताल मामले पर भी चर्चा की गयी। जत्थेदार सिरसा ने कहा कि हमारा पंथ सबसे पहले सेवा भाव को प्राथमिकता देता है। हम लोग यहां सिर्फ इसलिये आये हैं कि मानव जगत की सेवा के लिये सबको आगे बढ़कर सहयोग करना है। सबके सुझाव और योगदान को ध्यान में रखकर ही निर्णय लिया जायेगा।
डा. कालरा ने अपने संबोधन में कहा कि वर्तमान में देखा जा रहा है कि डाक्टर और उनके प्रोफेशन को लोग अच्छी नजर से नहरीं देखते हैं। आमतोर पर डाक्टरों को लोग लुटेरा समझने लगे हैं। पहले के समय में डाक्टरों को आम लोग भगवान का रूप समझते थे लेकिन आज जनता की सोच बदल चुकी है। हमें जनता की सोच अपनी सेवा ओर ईमानदारी से बदलना होगा। खालसा पंथ का मुख्य उद्देश्य सच्ची लगन से सेवा करना है। यह देखा जा रहा है कि सिख समुदाय में भी मेडिकल प्रोफेशनल्स अपने मुख्य उद्देश्य से भटक रहे हैं। आज जरूरत है कि सभी सिख प्रोफेशल्स को पंथ और गुरुग्रंथ साहब की शिक्षाओं मन से पालन करने की। आज हम सब यह प्रण करें कि समाज में डाक्टरों की छवि को सुधारने में प्रयास करेंगे।
इस मौके पर जीएचएमएफ प्रेसीडेट डा. जीएस ग्रेवाल, जीएचएमएफ के संरक्षक पीएस मैनी, संरक्षक डा. बीएनएस वालिया, डा. राजबीर सिंह, सरदार हरमीत सिंह कालका व फोरम की कोषाध्यक्ष डा. रानी कौर ने भी अपने विचार काॅक्लेव में रखे।