
नयी दिल्ली। मोदी सरकार पार्ट 2 में एक नया इतिहास रचा गया है। नये स्पीकर ओम बिरला के कार्यकाल में 1952 के बाद पहली बार लोकसभा कार्रवाई समय से अधिक चली और ऐसे बिल पास हुए जिन्हें भाजपा व एनडीए को पिछले कार्यकाल में पास कराना भारी पड़ रहा था। पाट 2 में मोदी सरकार ने राजस्थान कोटा के सांसद ओम बिरला को स्पीकर बना कर लोगों को हैरत में डाल दिया था। जब बिरला का नाम लोगों के सामने आया तो सभी राजनीतिक दलों ने हैरानी जतायी कि ओम बिरला कौन है जिन्हें मोदी ने चुना स्पीकर जैसे अहम् किरदार के लिये चुना है। लेकिन उनकी कार्यशैली से अब सभी सांसद व दल कायल हो गये है।
उन्होंने एनडीए के बहुमत के बावजूद विपक्षी दलों को भी अपनी बात रखने का मौका दिया। सबसे बड़ी बात तो यह रही कि उन्होंने पहली बार बने सांसदों को भी अपनी बात रखने का सुनहरा अवसर दिया। उनका मानना है कि संसद बहुमत से नहीं सर्वसम्मति से चलती है। यही वजह है कि उनके अब तक के कार्यकाल में संसद को स्थगन करने का मौका काफी कम आया। श्री बिड़ला का मानना है कि संसद में विभिन्न पार्टियों के अलग विचारधारा के नेता अपने क्षेत्र ये चुनकर आते हैं। उन्हें अपनी बात रखने का हक होता है क्यों कि वो अपने क्षेत्र की जनता के प्रति जिम्मेदार होते है। वो अपने नेता को संसद में बोलते देखना चाहते हैं। संसद में क्षेत्रीय समस्याओं के बारे में चर्चा होते देखना चाहते हैं।
ऐसे बहुत ही कम राजनीतिक लोग होते हैं जिनके चेहरे पर सदा बहार मुस्कान रहती है उनमें ओम बिरला का नाम आता है। वो हमेशा मुस्कराते दिखते हैं। उनका मानना है कि किसी भी सांसद की बात को सुनना उनकी ड्यूटी है। उनका मानना है कि उनके पास जब कोई आता है तो बड़ी उम्मीद के साथ आता है यदि उसकी बात को गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो उसका विश्वास टूट जाता है। अगर नेता किसी भी बात सुने बिना ही वादा करता है तो यह माना जाता है कि उसका काम नहीं होने वाला है। अगर वो यह कहता है कुछ करते हैं तो यह माना जाता है कि कुछ तो होगा। यदि नेता किसी काम को करने में असमर्थता जताता है और मना कर देता है तो वो नेता नहीं हो सकता है। क्यों नेता तो वो है जो किसी भी काम को ना करता ही है।
साउथ दिल्ली स्थित सीरी फोर्ट में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला का नागरिक अभिनंदन समारोह संपन्न् किया गया। इस मौके पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी, प्रवेश वर्मा, मीनाक्षी लेखी, विधायक विजेंद्र गुप्ता, कुलजीत चहल और दिल्ली भाजपा प्रभारी श्याम जाजू ने अपने अपने विचार रखे।