
हाल ही में दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती शीला दीक्षित का निधन हो गया था। तब से यह चर्चा चल रही थी कि अगला कप्तान कौन। वैसे तो पार्टी प्रदेश कांग्रेस में शीला दीक्षित के अलावा तीन कार्यकारी अध्यक्ष भी बना रखे थे। राजेश लिलोठिया, मो. हारून और देवेंद्र यादव कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे थे। इन लोगों को भी उम्मीद रही होगी कि उनमें से ही किसी को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिलने वाली है लेकिन ऐसा कुछ हुआ नहीं और पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी के पूर्व सांसद कीर्ति आजाद जो अब कांग्रेस में शामिल हो चुके है। पिछले आम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव भी लड़े थे लेकिन जीत नहीं पाये। 2020 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए सोनिया गांधी ने आजाद पर विश्वास जताया और उन्हें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया है। वैसे कीर्ति क्रिकेट में अपनी तूफानी बल्लेबाजी और शानदार फील्डिंग के लिये जाने जाते थे। उनके ये तेवर राजनीति में भी देखे गये। भाजपा के टिकट पर बने सांसद आजाद ने काफी उग्र तेवर दिखाते हुए अपनी ही सरकार के दिग्गज मंत्री और नेता के खिलाफ मुहिम चलायी थी। उनके बागी तेवर देखते हुए बीजेपी ने उन्हें पार्टी से संस्पेंड कर दिया था।
इसके बाद आजाद पार्टी से आजाद हो गये और खुल कर बीजेपी के खिलाफ बिगुल बजा दिया। आम चुनाव के करीब वो कांग्रेस में शामिल हो गये। पार्टी ने उन्हें बीजेपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी की काट के रूप में उतारने का मन बनाया है। आजाद सोनिया गांधी की पसंद हैं इसलिये उन्हें दिल्ली की कमान सौंपी गयी है। श्रीमती गांधी का मानना है कि आाजाद की पूर्वांचलियों में अच्छी पकड़ है जिससे वो पूर्वांचली मतदाताओं को कांग्रेस के पक्ष में करवा सकते है।
कीर्ति आजाद का बैकग्राउन्ड भी राजनीति रहा है। उनके पिता भगवत झा कांग्रेस के दिग्गज नेता थे जो बिहार के मुख्यमंत्री भी रहे थे। उनकी बिहार में काफी अच्छी साख थी। लेकिन आजाद राजनीति में कांग्रेस की ओर से राजनीति में नहीं उतरे। उन्होंने भाजपा का दामन थामा और सांसद भी बने।