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JNU students are protesting against Hostle fee increasement in Delhi

नयी दिल्ली। जेएनयू में फीस वृद्धि को लेकर पिछले 15 दिनों से छात्र विवि में ही विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। लेकिन सोमवार को उन्होंने विवि से निकल कर सड़क पर विरोध करना शुरू किया। भारी संख्या में छात्र नेल्सन मंडेला रोड पर आ कर प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने समारोह स्थल पर जाने से छात्रों को रोका लेकिन छात्रों ने वहां जबरन पहुंचने की कोशिश की तो पुलिस ने बलपूर्वक उन्हें रोका न मानने वाले छात्रों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। छात्रों पर पुलिस पानी की बौछार कर उन्हें तितर बितर करने का प्रयास लेकिन छात्र वहां से नहीं हटे। छात्रों ने आठ घंटे सड़क पर प्रदर्शन किया उन्हें रोकने के लिये 6 कंपनी अर्धसैनिक बल की तैनात की गयी थी। इसके अलावा दिल्ली पुलिस के कर्मचारी वहां मौजूद थे।
जेएनयू के छात्र इस बात से नाराज थे कि विवि प्रशासन की ओर से फीस में अचानक भारी वृद्धि कर दी है साथ ही वीसी उनसे मिल भी नहीं रहे है। उनको इस बात की भी शिकायत है कि फीस वृद्धि से पहले विवि प्रशासन ने छात्रों को विश्वास में भी नहीं लिया। प्रशासन ने छात्रावास और मेस सिक्योरिटी में भारी वृद्धि करते हुए अन्य शुल्क भी लागू कर दिये है। मेस सिक्योरिटी जो 5500 थी उसे बढ़ा कर 12 हजार, सिंगल रूम कमरे का किराया 20 से बढ़ा कर 600, डबल रूम का किराया 10 रुपये से 300 कर दिया है। पहले पानी और बिजली का शुल्क नहीं लगता था वो भी लागू कर दिया है। सर्विस चार्ज के नाम 1700 रुपये प्रतिमाह लागू करने के साथ अन्य शुल्क लागू कर दिये है। जेएनयू छात्रों का कहना है कि यहां बहुत से छात्र ऐसे परिवारों से आते हैं जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर होती है ऐसे में वो छात्र दाखिला होने के बाद भी यहां पढ़ नहीं पायेगे।
दीक्षांत समारोह में भाग लेने आये एचआरडी मंत्री श्री निशंक ने प्रदर्शन कर रहे छात्रों के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात की। उन्होंने छात्रों को यह भी भरोसा दिलाया कि उनकी बातों को सुना जायेगा। साथ ही यह भी कहा कि वीसी से भी छात्रों से बात करने के लिये कहा जायेगा। छात्रों को शिकायत है कि पिछले तीन माह से वीसी उनसे मुलाकात नहीं कर रहे है।
जहां छात्र प्रदर्शन कर रहे थे उसके पास ही एआईसीटीई परिसर में दीक्षांत समारोह चल रहा था। भारी संख्या में वहां पहुचने का प्रयास करने लगे। दीक्षांत समारोह में उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और एचआरडी मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक मौजूद थे।

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