नयी दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और यूपी के प्रमुख सचिवों को पदूषण के मामले में चल रही लापरवाही मामले में तलब किया था। एससी ने इस मामले में बड़ा सख्त रवैया अपनाते हुए कहा था कि जान की कीमत पर किसान पराली नहीं जला सकते है। प्रदेश सरकारों को इस पर सख्त कदम उठाने के निर्देश दिये गये थे। उच्च्तम न्यायालय की सख्ती का असर मंगलवार को पंजाब में दिखा। पंजाब सरकार ने पराली जलाने को लेकर उल्लंघन करने के मामले में 327 मामले दर्ज करते हुए 196 किसानों को गिरफ्तार किया है। 5 नवंबर तक कुल 37935 मामले सामने आये है। एक दिन में 6,668 मामले दर्ज किये गये है। 6 नवंबर बुधवार को
हरियाणा, पंजाब और यूपी के चीफ सेक्रेटरी को एससी में तलब किया गया है। ये मुख्य सचिव एसी को जानकारी देंगे कि पराली जलाने को रोकने के लिये क्या प्रबंध किये गये हैं। किसानों को आईपीसी की धारा 188 के तहत गिरफ्तार किया गया है। वहीं यूपी में पराली जलाने को लेकर कृषि मंत्री ने बयान दिया है कि 166 किसानों के खिलाफ मामले दर्ज किये गये हैं ओर 185 पर जुर्माना लगाया गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने मंगलवार दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण को लेकर बैठक की थी जिसमें कैबिनेट सचिव ने प्रदूषण कम करने के लिये उठाये गये कदमों का जायजा लिया। यह बात सामने आयी कि पंजाब और हरियाणा में सबसे ज्यादा पराली जलायी जा रही है।