kanhaiya vs pragya
Dr. Kanhaiya Kumar defeated in general election and Bail granted Pragya Thakur won the election

आम चुनाव में एक बात साफ हो गयी कि देश की जनता चाहे तो सिर पर बिठा ले और न चाहे तो पैर की धूल बना दे। आम चुनाव में जनता ऐसे ऐसों को सांसद बना दिया जो न तो कभी राजनीति में थे और न ही उनका कोई सामाजिक योगदान। बस पार्टी ने ऐसे लोगों को टिकट दे दिया और जनता ने उन्हें बिना जाने पहचाने और परखे ही सांसद जैसे महत्वपूर्ण पद पर पहुंचा दिया। ऐसा भी देखा गया कि अजेय कहलाने वाले राजनेता को भी जनता ने ऐसा सबक दिया कि उन्हें नानी याद आ गयी।

सबसे पहले बात करते हैं जवाहर लाल विवि के पूर्व अध्श्क्ष डा.कन्हैया कुमार की जिन्हें वामदलों ने बेगूसराय से चुनाव में टिकट दिया था। ये माना जा रहा था कि राजनीति के मैदान में एक पढ़े लिखे आदमी को जनता संसद भवन भेज देगी। लेकिन जनता ने तो धर्म, मंदिर और गौ माता के आगे एक पढ़े लिखे समझदार आदमी को नकार दिया। कन्हैया कुमार की बात करें तो उनके जैसा तेज तर्रार वक्ता राजनी​ित में नहीं है। उनके तर्कों का जवाब किसी भी राजनेता के पास नही होता है। यहां तक कि पीएम मोदी भी कन्हैया कुमार के तर्कों पर चुप हो जाते हैं। कन्हेया कुमार न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी अपने भाषणों के लिये विख्यात हैं। उनके चुनाव प्रचार में न केवल बुद्धिजीवियों ने बल्कि बॉलिवुड के सितारों ने भी जमकर प्रचार किया था। लेकिन आम चुनाव के परिणाम ने यह साबित कर दिया कि देश की जनता को रोजगार, शिक्षा स्वास्थ्य और किसानों की समस्याओं से कोई मतलब नहीं उन्हें तो धर्म, आस्था, मंदिर, फर्जी राष्ट्रवाद, विभाजनकारी नीतियां और विखंडित समाज चाहिये जिसमें लोग किसी अन्य धर्म व संप्रदाय के लोगा सहम और दहशते में जीने को मजबूर हों।

हैरानी की बात तो यह है कि मालेगांव धमाके में आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह जो मेडिकल ग्राउन्ड पर  रिहा होती है। उन्हें भाजपा अपने टिकट पर चुनाव लड़वाती है। वहां की जनता उन्हें ससम्मान सांसद बना कर खुद गौरवान्वित हो रही है। यह वही साध्वी है जिसने शहीद हेमंत करकरे को देशद्रोही कहा। इतना ही नहीं उसे एक भ्र्ष्ट अफसर भी बताया। इतना ही नहीं उस साध्वी ने गांधी जी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को एक देशभक्त बताते हुए कहा कि वो कल भी देशभक्त थे आज भी हैं और आगे भी रहेंगे। प्रज्ञा का यह बयान तब आया जब कि देश में चुनाव चल रहे थे। मीडिया में यह बयान काफी चलाया गया। लेकिन इसके बावजूद प्रज्ञा ठाकुर का सांसद बनना हैरान करने वाला है। पीएम मोदी वैसे तो महात्मा गांधी का नाम अपनी राजनीति चमकाने के लिये हमेशा इस्तेमाल करते हैें। लेकिन प्रज्ञा के इस बयान पर सिर्फ इतना कहते हैं कि मैं प्रज्ञा को मन से कभी माफ नहीं कर सकता। बीजेपी ने भी इस बयान के लिये प्रज्ञा को सिर्फ नोटिस दे कर खानापूरी कर दी। सोचिये अगर यह बयान किसी और दल के नेता ने दिया होता ​तो भाजपा और उसके भक्त उस नेता और पार्टी का जीना हराम कर देते।

वहीं यूपी के गाजीपुर से मोदी सरकार के एक नामी गिरामी मंत्री ने चुनाव लड़ा। पिछली बार वो 2014 में गाजीपुर से ही सांसद बने थे। इस बार वो दोबारा जीत नहीं सके। जब कि वो एक साफ छवि वाले प्रबुद्ध नेता थे। लेकिन इस बात से साफ जाहिर हो गया कि देश की जनता को ऐसे ऐसे लोग पसंद हैं जो देश और समाज को तोड़ने की बात करें। मंदिर और धार्मिक उन्माद फैलाकर अपना उल्लू ​सीधा करना जानते हैं।

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