nathuram
BJP candidate Pragya Thakur again speak agains Gandhi ji and Favour Nathuram Godse

भाजपा नेता और भोपाल से चुनाव लड़ रही प्रज्ञा ठाकुर ने एक बार फिर विवादित बयान दे कर पार्टी और सरकार के लिये परेशानियां खड़ी कर दी हैं। मामला तूल पकड़ने पर भाजपा ने उसके बयान से पल्ला झाड़ लिया है। साथ ही उसे भाजपा की अनुशासन समिति ने नाटिस दिया है। इस नोटिस का जवाब दस दिन के भीतर देना है। यह पहला मौका नहीं है जब प्रज्ञा ने ऐसा विवादित बयान दिया है जिसकी वजह से भाजपा किसी को मुंह दिखाने के लायक नहीं रह गयी। वैसे पीएम मोदी एक टीवी चैनल पर यह कहा कि वो प्रज्ञा को कभी भी माफ नही कर पायेंगे। पूरे देश में प्रज्ञा ठाकुर के बयान को लेकर चर्चाए्रं गर्म है कि बीजेपी ने एक ऐसी नेता चुनाव में टिकट दिया है जो नाथूराम गोडसे को देशभक्त मानती है और गांधी के त्याग और बलिदान पर सवाल खड़े कर रही है। प्रज्ञा के इस बेशर्मी वाले बयान के समर्थन में भी सोशल मीडिया पर काफी लोगों ने प्रज्ञा के साथ होने की बात कही। इससे साफ जाहिर होता है देश में ऐसा तबका भी है जो किसी हत्यारे को देशभक्त कहने समर्थन कर रहा है।
इस मामले की शुरूआत कमला हासन के उस बयान से हुई जिसमे यह कहा गया कि नाथूराम गोडसे आजाद भारत का पहला हिन्दू आतंकी था। इस बयान को लेकर हिन्दूवादी संगठनों और संत समाज की और प्रतिक्रियांए भी आयी। ऐक्टर विवेक ओबराय ने भी सोशल मीडिया पर कमला हासन से यह सवाल किया कि आपने अपने बयान में आतंकवादी शब्द के पहले हिन्दू क्यों कहा। आतंकवादियों का कोई धर्म, मजहब और जाति नहीं होती है। आपके हिन्दू शब्द कहने से हिन्दू समाज आहत हुआ है।
इससे पहले प्रज्ञा ने 26/11 आतंकी हमले में शहीद आईपीएस अफसर हेमंत करकरे पर बेहद गिरी हुई टिप्पणी की थी। उसने यह भी कहा कि वो एक राष्ट्रद्रोही और गद्दार अफसर था। इस बयान को लेकर भी प्रज्ञा की काफी आलोचना हुई। मामला गंभीर होता देख भाजपा ने यह कह कर पल्ला झाड़ा कि ये प्रज्ञा का निजी बयान है उससे पार्टी का कोई लेना देना है। इस मामले में भी मोदी सरकार और बीजेपी की आलोचना हुई।
दूसरी ओर पूरे देश में प्रज्ञाा के इस बयान की जमकर आलोचना हो रही है। विपक्षी दलों ने भी प्रज्ञा के बहाने मोदी सरकारए आरएसएस और भाजपा पर हमले तेज कर दिये है। वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार में मंत्री अनंत हेगड़ ने प्रज्ञा के समर्थन में बयान दिया कि प्रज्ञा ने कुछ भी गलत नहीं किया है जो उसे माफी मांगनी पड़े। भाजपा के ही एक अन्य नेता सौमित्र ने भी प्रज्ञा के बयान का समर्थन करते हुए गांधीजी को कठघरे में खड़ा करने का प्रयास किया। भाजपा ने इस मामले में सौमित्र को सस्पेंड कर दिया है। लेकिन मामला बढ़ते देख अनंत हेगड़े ने अपने बयान से यू टर्न ले लिया और कहा कि उनका ट्विटर अकाउन्ट किसी ने हैक कर लिया था मैंने ऐसा को बयान ही नहीं दिया है। लेकिन मोदी सरकार के मंत्री के इस नाटकीय अंदाज पर सभी बीजेपी से मांग कर रहे हैं कि वो मंत्री को तुरंत बर्खास्त कर पार्टी से निष्कासित करें।
वैसे प्रज्ञा और उनके समर्थ नेताओं ने बीजेपी और मोदी सरकार को नयी मुसीबत में डाल दिया है। सातवें चरण का चुनाव होना बाकी रह गया है जिसमे स्वयं मोदी की किस्मत का फैसला होना है ऐसे में एक नया मामला खड़ा होना आंशकाओं को जन्म दे रहा है। कांग्रेस को भी बैठे बिठाये मोदी सरकार और बीजेपी को घेरने का सुनहरा अवसर मिल गया है और वो इस मुद्दे को 19 तक लोगों के बीच में गरमाये रखने का प्रयास करेगी।

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