विनय गोयल
नयी दिल्ली। पिछले पांच साल में पीएम मोदी पर अनेक पुस्तकें लिखी गयीं। अधिकतर किताबें उनके प्रशंसकों ने लिखी तो कुछ ने मोदी या भाजपा को प्रभावित करने के लिये लिखी गयी। लेकिन सपनों का सौदागर एक ऐसी किताब है जिसमें प्रधानमंत्री के बाल्यकाल से अब तक जीवन पर गहरी और सटीक अध्ययन किया गया है। उनके जीवन के हर उस पहलू को छूने ाक प्रयास किया गया है जिसने मोदी को प्रभावित किया है। इस किताब के लेखक वरिष्ठ पत्रकार निर्मलेंदु हैं जिन्होंने प्रिंट मीडिया के अलावा इलैक्ट्रªानिक चैनलों में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाई है।
सपनों का सौदागर का लोकार्पण प्रेस क्लब में किया गया। इस मौके पर हिन्दी और उर्दू भाषा के अनेक वरिष्ठ पत्रकार मौजूद थे। किताब का प्रकाशन जेनुइन पब्लिशिंग एण्ड मीडिया प्रा. लिमिटेड ने किया है।
पत्रकार लेखक निर्मलेंदु ने पुस्तक के बारे में बताया कि यह किताब मोदी के पांच साल के अच्छे बुरे कर्मों का लेखा जोखा है। हर आदमी के अच्छे अच्छाई के साथ बुराई भी होती है। मोदी भी इससे अछूते नहीं रहे हैं। आज स्वच्छता के मामले में भारत की रेंकिंग में जो सुधार आया है उसमें मोदी सरकार का अहम् रोल कहा जा सकता हैं। स्वच्छ भारत अभियान मोदी सरकार की उपलब्धि मानी जा सकती है लेकिन नोटबंदी और जीएसटी भारत जैसे विकासशील देश के लिये एक अभिशाप साबित हुई है। 2104 के आम चुनाव में विपक्ष मोदी मैजिक के आगे टिक नहीं पाया और मोदी एक लोकप्रिय पीएम के रूप में जाने गये। मोदी सरकार ने विश्व पटल पर देश को अच्छा दिखाने में जरूर पायी है लेकिन जिस तरह भारतीय अर्थव्यवस्था गर्त में जा रही है। लेकिन सरकार यह ढिढोरा पीट रही है कि भारतीय अर्थव्यवस्था पहले से काफी बेहतर स्थिति में है।