लखनऊ; “सऊदी अरब में जिस तरह से सरकार द्वारा अल्पसंख्यकों का नरसंहार किया जा रहा है, हम उसकी कडी निंदा करते है, सऊदी अरब के अत्याचार और आतंकवाद को दुनिया गंभीरता से नही ले रही है यह निंदनीय है, इस ज़ुल्म एवं अत्याचार के खि़लाफ सऊदी अरब का वैश्विक बहिष्कार होना चाहिए “। मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के महासचिव, इमामे जुमा मौलाना कलबे जवाद नकवी ने आज अपने एक बयान में यह विचार व्यक्त किए। उन्होने कहा कि “सऊदी अरब में अल्पसंख्यकों को मूल अधिकार भी नही मिल रहे हैं, उन्हें हमेशा दबाया और कुचला गया है, अभी 37 शियां का कत्ल हुआ है जिसमें एक प्रमुख शिया विद्वान शैख मोहम्मद अल-एतिया बिन अब्द उल-ग़नी भी शामिल हैं। मौलाना कलबे जवाद नकवी ने सऊदी अरब की क्रूरता और आतंकवाद का वर्णन करते हुए कहा कि ’ पहले भी सऊदी अरब में शियों का नरसंहार किया गया है , आयातुल्लाह शेख बाकिर-उल-निम्र को क्रूर तरीके से शहीद कर दिया गया था। यह दुखद है कि उन्के कातिलों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गयी। दुनिया आतंकवाद को खत्म करना चाहती है, लेकिन सऊदी अरब दुनिया की नजरों के सामने आतंकवाद को लगातार बढ़ावा दे रहा है और दुनिया चुप है।
मजलिसे उलेमा-ए-हिंद के सभी सदस्यों ने सऊदी अरब के इस क्रूर और ज़ालिमाना कदम की कड़ी निंदा की और इस नरसंहार की जाँच के लिए संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों से जाँच और कडी कार्यवाही की माँग की है।