संडे को सोनिया गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अहम् बैठक बुलायी थी जिसमें कुछ खास मुद्दों पर भी चर्चा करना थी। लेकिन कुछ नेताओं के खिलाफ अन्य नेताओं ने जमकर हल्ला बोल दिया। राहुल गांधी ने उन नेताओं को निशाने पर रखते हुए कहा कि जब राजस्थान में उनकी सरकार बीजेपी की साजिश से टक्कर ले रही थी उस वक्त पार्टी के ही कुछ खास और दिग्गज नेताओं ने बीजेपी के इशारे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा और कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर फैसला करने की बात कही। उन दिनों सोनिया गांधी अपना इलाज दिल्ली के एक अस्पताल में करवा रही थी। राहुल गांधी ने यहां तक कह डाला कि जिन्हें पैसा कमाना है वो बीजेपी में जा सकते हैं। मीटिंग के अंत में यह तय हुआ कि सोनिया गांधी फिलहाल अध्यक्ष पद संभालेंगी। राष्ट्रीय अधिवेशन में एक अध्यक्ष चुना जायेगा। राहुल गांधी ने पहले ही अध्यक्ष बनने से इनकार कर दिया है। प्रियंका गांधी ने साफ कर दिया है पार्टी अध्यक्ष गांधी परिवार के बाहर का भी हो सकता है।
राहुल गांधी ने जोश में आकर बोल तो गये लेकिन जब पार्टी संकटकाल में मुजर रही है ऐसे में ठंडे दिमाग से सोच समझ के बोलना चाहिये था। पार्टी के 23 लोगों ने सोनिया गांधी को संयुक्त रूप से पत्र लिखा था। उन्होंने संगठन में बदलाव लाने के साथ स्थायी अध्यक्ष पद की बा कही थी। इन 23 नेताओं में पूर्व कैबिनेट मंत्रीए पूर्व मुख्य मंत्रियों के साथ वरिष्ठ नेता थे। इनमें शशि थरूर, कपिल सिब्बल मुकुल वासनिक, रेणू चौधरी, अंबिका सोनी आदि शामिल थे। इन सभी लोगों को बैठक में अन्य नेताओं के गुस्से को सहना पड़ा। इन लोगों को सबके सामने सफाई देनी पड़ी। मीटिंग के दौरान ही कुछ लोगों ने पत्र लिखने वालों के खिलाफ अनुशासनहीनता की कार्रवाई की मांग करने लगे।
वरिष्ठ वकील और पूर्व केन्द्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने यहा तक कह दिया कि अगर साजिश की बात साबित हो तो वो राजनीति से संन्यास ले लेंगे। इसके साथ ही उन्होंने अपने ट्विटर हैंडिल से कांग्रेस हटा दिया। बाद में राहुल गांधी के फोन पर बात करने पर मामला सुलझ पाया। राहुल गांधी ने उनसे कहा कि उन्होंने गलत बातें बतायी गयी हैं मैंने आपका नाम नहीं लिया है।
कांग्रेस में कमान को लेकर पिछले एक सवा साल से घमासान चल रहा है। केकिन अव वो सबके सामने खुल कर आ गया है। पिछले साल राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन खराब आने के कारण अध्यक्ष पद छोड़ दिया था। उसके बाद पार्टी नेताओं के अनुरोध पर सोनिया गांधी ने कार्यकारी अध्यक्ष पद संभाल लिया था। लेकिन सोनिया गांधी की सेहत ठीक नहीं रहने के कारण वो ज्यादा सक्रिय नहीं रह पाती हैं। कुछ दिनों पहले पार्टी के दिग्गज नेताओं सोनिया गांधी को पत्र लिखकर स्थाई अध्यक्ष्ज्ञ पद के लिये सलाह दी थी। यह भी कहा कि