25 मार्च से पीएम मोदी ने कोरोना से लड़ने के लिये पूरे देश में तालाबंदी का ऐलान कर दिया है। तालबंदी के दौरान लोगों से दूर दूर रहने की अपील भी की है। काफी जगह लोगों ने इस अपील को मानने की कोशिश भी की है। लेकिन कई जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग पर ध्यान नहीं दिया और उल्लंघ्ज्ञन किया। लोगों ने अपने अपने तरीकों से लॉकडाउन को लागू करने का प्रयास किया। वहीं अन्य प्रदेश सरकारों ने भी अपने तरीके से कोरोना से बचने के लिये ढंग अपनाये। सबसे अनूठे ढंग से हरियाणा सरकार ने लॉकडाउन लागू करने के लिये अन्य प्रदेशों से जुड़ने वाली सड़कों को ही खेाद मारा। उनका याह मानना है कि ऐसा करने से कोई भी आदमी हरियाणा में प्रवेश नहीं कर पायेगा। एक तरीके से उनकी बात भी सही थी कि जब कोई प्रदेश में ही प्रवेश नहीं कर पायेगा तो कोरोना के संक्रमण की आशंका भी नहीं रहेगी। लेकिन उसके लिये सड़क खोदना किस हद तक सही होगा। यह सरकार ने नहीं सोचा और न ही सरकार को किसी ने सलाह ही दी।
अब लॉकडाउन 3.0 चल रहा है। इसी बीच हरियाणा सरकार ने दिल्ली और हरियाणा बार्डर को सील कर दिया। ऐसे में दिल्ली से जुड़ने वाली हर सड़क को बैरिकेडिंग कर दी इससे भी मन नहीं भरा तो सरकार के आदेश पर सरकारी अफसरों ने इन सड़कों को जेसीबी से ही खोद डाला। इसे करते समय अफसरों ने इस बात का ध्यान नहीं दिया कि जिन सड़कों को खोद रहे हैं, वो जनता के टैक्स से बनीं है। पहले सड़क बनाने में जनता का पैसा लगा। बाद में तोड़ने में जनता का पैसा लगा। लॉकडाउन खत्म होने के बाद फिर से जनता का पैसा लगेगा। सरकार को यह समझना चाहिये कि जनता बड़ी मेहनत से कमा कर टैक्स भरती है।








