पिछले डेढ़ माह से महाराष्ट्र में सियासी हलचलों का दौर चल रहा है। महाराष्ट्र में शिवसेना,एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार है। इस बात को भाजपा बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। बीजेपी ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत को तूल देना जारी रखा है। इस बहाने वो उद्धव ठाकरे सरकार पर रोज ही घेर रही है। शिवसेना इस कांड में पूरी कोशिश कर रही है कि सुशांत सिंह कांड जल्द से जल्द ठंडे बस्ते में चला जाये लेकिन बीजेपी और बिहार सरकार ने इसे अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है। बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं बीजेपी और जेडीयू की कोशिश है कि वो ज्वलंत मुद्दों से जनता को भटका कर सुशांत सिंह राजपूत के मामले को सामने लाये। इसलिये बिहार में जेडीयू और बीजेपी के नेता पूरे जोरशोर से सुशांत की मौत को उठाने में लगे हैं। दलों की मंशा है कि यह एक राष्ट्रीय मुद्दा बन जाये और चुनाव में इसे भुनाया जा सके। इस मामले को लेकर राजद, लोजपा और अन्य राजनीतिक दल एक सुर में सुर मिलाते नजर आ रहे है। सबकी मंशा है कि कि मामले की सीबीआई कर दूध का दूध पानी का पानी करे। चूंकि केन्द्र में मोदी सरकार व बिहार में जेडीयू और बीजेपी के गठबंधन की सरकार है इसी के चलते केन्द्र सरकार ने 5 अगस्त को सीबीआई को जांच करने के आदेश दे दिये है। इस मामले को लेकर महाराष्ट्र सरकार सुप्रीमकोर्ट चली गयी लेकिन जैसा कि पहले से तय था कि फैसला बीजेपी सरकार के पक्ष में आना था वहीं हुआ और एससी ने मामले की जांच सीबीआई से करने का आदेश पारित कर दिये।
उधर महाराष्ट्र सरकार बीजेपी और जेडीयू की मांग को सिरे से नकारती आ रही है कि इस मामले की जांच मुंबई पुलिस से ले कर सीबीआई से करायी जाये। सीएम उद्धव सरकार का कहना है कि मुंबई पुलिस मामले की जांच पूरी गंभीरता से और सही दिशा में काम कर रही है। महाराष्ट्र सरकार किसी भी राजनीतिक दबाव में आने वाली नहीं है। एनसीपी ने भी शिवसेना के सुर में सुर मिलाते हुए महाराष्ट्र सरकार का सहयोग किया। बीजेपी और जेडीयू नेता आरोपी रिया चक्रवर्ती के बहाने उद्धव ठाकरे सरकार को घेर रहे है। यह भी चर्चा में है कि भाजपा सीबीआई का इस्तेमाल कर उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को टारगेट करना चाह रही है। उनका आरोप कि सरकार शिवसेना के कुछ बड़े नेताओं का संबंध रिया व उसके परिवार से है जिन्हें बचाने के लिये सीबीआई की जांच कराने से परहेज कर रही है।
बीजेपी नेताओं ने खुलेआम कहना शुरू कर दिया है रिया चक्रवती तो जेल जायेगी और उद्धव ठाकरे की सरकार भी गिरायी जायेगी। ये तो साफ हो गया है कि बीजेपी और जेडीयू को सुशांत सिंह राजपूत की हत्या या आत्महत्या से कोई लेना देना नहीं है। बल्कि इस मामले को तूल दे कर अपना उल्लू सीधा करना है। बीजेपी को महाराष्ट्र में अपनी सरकार न बनने और जेडीयू को बिहार में मतदाताओं को बिहारी मुद्दा भुनाना है। लोगों को बाढ़, कोरोना और बेरोजगारी के मुद्दे भटका कर एक बार फिर सत्ता हथियाना चाह रही है।