Home Editorial Exercize is best Idea to keep away Diabetic क्या मधुमेह कर स्थाई इलाज संभव है?

Exercize is best Idea to keep away Diabetic क्या मधुमेह कर स्थाई इलाज संभव है?

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Exercize is best Idea to keep away Diabetic क्या मधुमेह कर स्थाई इलाज संभव है?

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अक्सर लोग यह चर्चा करते हैं कि मधुमेह या डायबिटिक का इलाज हमेशा के लिये हो सकता है तो अलग अलग डाक्टरों की राय अलग होती है। अक्सर टीवी, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर अक्सर विज्ञापनों में यह दावा किया जाता है कि उनकी दवा से मधुमेह पर काबू पाया जा सकता है। सिफ्र तीन माह में या कुछ इसी तरीके के दावे किये जाते हैं। क्या वास्तव में इन दावों में कोई सच्चाई होती है। या ये सिर्फ अपनी दवा बेचने के मार्केटिंग टिप्स होते हैं। अगर विज्ञान की मानें तो मधुमेह का रोग अगर हो जाता है तो उस पर नियंत्रण तो किया जा सकता है लेकिन हमेशा के लिये खत्म नही किया जा सकता हैं। लोगों को किसी भी दवा को उपयोग में लाने से पहले ​किसी विशषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिये। वर्ना नीम हकीम खतरे जान हो सकती है। आज की तेज रफ्तार और भागम भाग वाली जिंदगी में अपने लिये समय नहीं निकाला तो सेहतमंद नहीं रहेंगे और डाक्टरों और नीम हकीमों के चक्कर लगाते घूमेंगे। सोचिये नहीं तो नुकसान तो होगा ही साथ ही शरीर भी बेकार हो जायेगा।

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मधुमेह या डायबिटिक को जानिये

कहते हैं कि पहले के मुकाबले आजकल मधुमे या डायबिटिक रोगी काफी संख्या मिल रहे हैं। यह भी कहा जाता है कि भारत में शुगर या मधुमेह रोगी काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में जिस गति से मधुमेह के रोगी बढ़ रहे हैं उससे लग रहा है कि भारत डायबिटिक में विश्व के पहले नंबर पर पहुंच सकता है। मेडिकल साइंस के अनुसार मानव के शरीर में एक ऐसा अंग होता है जो शरीर के अंदर इंसुलिन का उत्पान करता रहता है जिससे शरीर के अंदर भोजन से बनने वाली शर्करा या ग्लूकोज को कम करने या संतुलन बनाये रखने में मदद करता है। इसे पैंक्रियास कहते हैं। अक्सर लोगों की जीवन शैली के कारण या काम करने के तरीके और नाइट शिफ्ट करने वालों का हाजमा खराब रहता है। लगातार ऐसा रहने से पैंक्रियास प्रभावित हो जाता है। वो ​उचित मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है। ऐसे में मानव के शरीर में शुगर का ग्लूकोज ज्यादा हो जाता है। ऐसे में लोगों को शुगर या मधुमेह का रोग हो जाता है। एक ऐसी स्टेज आती है कि पैंक्रियाज पूरी तरह से इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। तब मानव के शरीर के खून में शर्करा घुल जाती है। ऐसे में मानव का शरीर कमजोर होता जाता है। उसका वजन काफी कम हो जाता है। भूख तो लगती है लेकिन शरीर का विकास नहीं होता है। हर समय थकान बनी रहती है। इसकी वजह से किडनी, गुर्दें और आंख कमजोर हो जाने की शंका बनी रहती है। सिर में दर्द होने की शिकायत होती है। पेट भी खराब रहता है।

जितना खायें उतना शारीरिक मेहनत भी करें

अक्सर देखा जाता है कि लोग खाते तो बहुत पौष्टिक और इनर्जेटिक हैं लेकिन शारीरिक तौर पर वो मेहनत नहीं करते हैं। मेंटल लेबर तो बहुत करते हैं लेकिन फिजिकल मेहनत नहीं करते हैं। बहुत देर तक कंप्यूटर और लैपटॉप पर काम करते हैं। जिससे उनका वजन काफी बढ़ जाता हैं। दूसरी बात यह है कि लोगों ने फिजिकल मेहनत करना काफी कम कर दिया। जिससे उनका शरीर चुस्त दुरुस्त नहीं रहता है। फिट रहने के लिये शहरों में लोग जिम ज्वाइन करने पर जोर देते हैं। युवाओं में जिम का काफी क्रेज दिख रहा है। अगर लोग आज की दौड़ भाग वाली लाइफ में अपने शरीर की फिटनेस पर भी ध्यान दें तो उन्हें जिम जाने केी जरूरत नहीं पड़ेगी। सबसे बड़ी समस्या आज की जीवन शैली होती जा रही है। अक्सर आज के युवा तीन शिफ्टों में काम करने पर मजबूर हैं। नाइट शिफ्ट करने वालों को दिन में सोना पड़ता है लेकिन जो नींद रात में आती है वो दिन में नहीं आती है। लोग सोते तो हैं लेकिन रात वाली बात नहीं होती है। इन युवाओं का डाइजेशन ठीक नहीं रहता है। अक्सर कब्ज की शिकायत बनी रहती है। यह भी देखी जाती है आज के युवा जंक फूड को पसंद करते हैं। हरी सब्जी और दालें व अन्य अनाज खाने में उनकी दिलचस्पी काफी कम रहती है। यही वजह है कि शरीर में प्रोटीन और मिनरल की कमी होती है जिसे वो दवाओं के रूप में पूरी करने की कोशिश करते हैं। वो महंगे होने के साथ साथ शरीर को उतना फायदा नहीं पहुंचाते हैं। बस स्वस्थ्य रहने के लिये थोड़ा घर पर ही लल्की फुल्की वर्जिश करें और खान पान बदलाव करें। बदलाव कर देखिये सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा।

यह जानकारी विभन्न पत्र पत्रिकाओं से पढ़ कर दी जा रही है। वेबसाइट इस बात का दावा नही कर रही है।

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