Delhi Police brutally lathi charge on wrestlers who are protesting BJP MP BRij Bhooshan Sharan Singh who is culprit of rape cases
Delhi Police brutally lathi charge on wrestlers who are protesting BJP MP BRij Bhooshan Sharan Singh who is culprit of rape cases
#Indian Wrstlers# BJP MP Brajbhooshan Sharan# Wrestlers Federation Of India# Delhi Police# Home Ministry# HM Amit Shah# PM Modi# Gold Medalist#
साक्षी, विनेश, बजरंग सबके ट्वीट में एक ही बात है कि ‘नौकरी का डर मत दिखाइये!’
ये कौन है जो नौकरी का डर दिखा रहा है ? पहलवानों को खुलकर बोलना चाहिए
2010 कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट खिलाड़ी ने एक पीड़िता के आरोपों की पुष्टि की है. खिलाड़ी कभी पीड़िता की रूममेट भी थी.
खिलाड़ी ने कहा: बृजभूषण ने पीड़िता से कहा कि ‘तुम हमारी बिटिया हो, हमारे पास आओ’ और फिर जोर से गले लगा लिया. उसने ये भी कहा था- ‘हमसे बात करो, मदद करेंगे’.
HM Amit Shah met with Olympic medalist who are protesting Ex WFI president BJP MP Brajbhooshan Sharan for harassment of female wrestlers, Shah tried to sort issue but they could not convinced to protesters.
HM Amit Shah met with Olympic medalist who are protesting Ex WFI president BJP MP Brajbhooshan Sharan for harassment of female wrestlers, Shah tried to sort issue but they could not convinced to protesters.
जैसा की सब को पता है इस सरकार में पीड़ित के साथ न्याय की उम्मीद न के बराबर होती है जब उसके किसी नेता का नाम आता है, ऐसा ही इस केस में हो रहा है और… ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है इससे पहले इनके विधायक और पूर्व मंत्री और भी कई नेताओं पर आरोप लगे पर जब तक सरकार और पार्टी पूरी तरह कोर्ट में या जन दवाब में हारी नहीं तब तक… पूरी निछता और बेशर्मी उसका बचाव किया गया… और कुछ केसों में बचा भी लिया गया… अब आते हैं इस केस पर
जैसा की हम सब देख रहे हैं बृजभूषण पर आरोप लगे जनवरी में प्रधानमंत्री को इसकी जानकारी 2021 में ही दी जा चुकी थी पर क्या हुआ… बृजभूषण को सबूत मिटाने और पीड़ितों पर दवाब बनाने का पूरा समय दिया गया |
अब पूरे केस में कुछ सबूतों पर आते हैं, फरवरी में कमेटी को भी यही बयान दिए गए जो दिल्ली पुलिस को दिए गए, पर क्या हुआ POCSO केस की पीड़िता की पहचान सार्वजानिक कर दी गई… पीड़ितों ने बताया की उनको फ़ोन पर धमकी दी जा रही है 125 गावाहों के होने बाद भी गिरफ्तारी नहीं हो रही उल्टा… उनके खिलाफ खबर और सोशल मीडिया पर एजेंडा चलाया जा रहा है, एक गैंगस्टर जिसके खिलाफ 40 से ज्यादा केस हैं, जो हत्या करने की बात कबूल पर चूका है… पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के समय की बात करते हुए भी एक हत्या की बात कबूल कर चूका है… मतलब 2 हत्या की बात खुद मानता है… उसके बाद भी ऐसे अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति को पूरा मौका दिया जा रहा है… जिसका फायदा उठाते हुए आरोपी धमकी और तमाम सबूत मिटाता जा रहा है… जिस दिन नाबालिग पीड़िता की पहचान सामने आई थी उसी दिन पीड़िता की पहचान जाहिर करने वाले को गिरफ्तार करना चाहिए था पर नहीं हुआ… आरोपी कितना बड़ा गैंगस्टर है यह बताने की जरुरत नहीं है… क्या फिर भी पुलिस को नहीं लगता की आरोपी सबूत मिटा सकता है पीड़ित को धमका सकता… फिर भी गिरफ़्तारी नहीं हो रही…
आपको याद है मनीष सिसोदिया के केस में जांच एजेंसी कोर्ट में बोल रही है आरोपी बड़ा प्राभावशाली है जो सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों को इनफ्लुएंस कर सकता है… पर इस केस में जहां आरोपी गैंगस्टर माफिया है उधर पुलिस सो रही है…
अभी कई दिनों से पीड़िताओं के खिलाफ खबरों को प्लांट किया जा रहा है, उनकी ओर से खंडन आने के बाद भी खबरों को नहीं हटाया जा रहा है… माफी नहीं मांगी जा रही है… अब अमित शाह से मिलने के बात प्रदर्शनकारी और पीड़ितों के खिलाफ तो माहौल ही बना दिया कि सेटलमेंट हो गया, हो भी गया होगा?
क्योंकि इस समय अमित शाह की पहचान सेटलमेंट और धमकाने से अधिक है भी नहीं… इसके लिए सबूत देने की नहीं देखने की जरुरत है कैसे राज्यों की सरकारें तक गिरा दी गईं सेटलमेंट कर के… अब विपक्ष के बड़े- बड़े नेता शाह की दवाब और धमकी वाली राजनीति का सामना नहीं कर सके तो पीड़ित तो सामान्य परिवारों से आने वाले खिलाड़ी हैं… (प्रदर्शनकारी के साथ और भी पीड़ित हैं सिर्फ इनको देखकर केस को न समझें )
मुझे पूरा भरोसा है अगर बृजभूषण इनके लिए फायदा कर रहा है या सरकार यह मानती है की बृजभूषण की गिरफ्तारी सरकार की कमजोरी साबित हो सकती है तो सरकार कोई कार्यवाही नहीं करेंगी और हो सकता है… पीड़ितों को पैसा, डर, धमकी या अन्य प्रकार के लालच से शांत किया जा रहा हो या किया जा सकता है ऐसा कोई हवा में नहीं बोल रहा हूँ |
इसका एक उदाहरण यह है की प्रदर्शनकारों पर जो दिल्ली पुलिस ने 28 मई को केस दर्ज किए थे वो सामान्य धारा में नहीं थे उन केस में कोई भी साजिश का एंगल डाल कर 2-3 साल बिना जमानत के जेल भेजा जा सकता है, फिर नौकरी छोड़ो बचा हुआ पूरा करियर ही खत्म हो जाएगा… विश्वास नहीं तो दिल्ली के छात्रा नेताओं की हालात देख लो
अब आखरी बात मुझे नहीं लगता अब लड़ाई लंबी चलने वाली है और न्याय होगा इनकी भी उम्मीद अब रोज कम हो रही है और… 45 दिन बाद WFI के चुनाव के बाद पूरा मामला ही ठंडा हो सकता है
अब इस सरकार को वोट के अलावा किसी का डर नहीं है और हिन्दी भाषी राज्यों में तो उसका भी डर बहुत कम है क्योंकि यहां की जनता तो धर्म, राष्ट्रवाद और नफ़रत की राजनीति में आंधी और बर्बाद हो चुकी है
Sourabha Jain
Freelance Journalist & Author

लेखक स्वतंत्र लेखक पत्रकार है अत: ये उनके निजी विचार हैं। किसी विवाद के लिये वेबसाइट पोर्टल जिम्मेदार नहीं है।

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