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आजकल देखा जा रहा है कि कुछ फिल्मों का निर्माण प्रोपेगंडा के रूप में किया जा रहा है। ताजा मामला विनायक दामोदर सावरकर पर बनी फिल्म का है। इस फिल्म में सावरकर का रोल रणदीप हुड्डा ने किया है। हुड्डा इस फिल्म का निर्देशन भी कर रहे हैं। हाल ही में इस फिल्म का टीजर लांंच किया गया है। टीजर लांच होने के बाद ही ये फिल्म विवाद में आ गयी है। हुड्डा ने इस फिल्म के टीजर का पोस्टर लांच की पिक ट्वीट करते हुए लिखा कि अंगेजों के अनुसार सावरकर स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे लोकप्रिय अगुवा थे। उनके इस ट्वीट पर लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है। नेता जी सुभाष चंद बोस के भतीजे चंद्र कुमार बोस ने हमला करते हुए लिखा कि क्या सावरकर सुभाषचंद्र बोस से बड़े स्वतंत्रता आंदोलन के नेता थे जिन्होंने देश की आजादी के लिये अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। इसके अलावा एक ने ट्वीट कर हुड्डा से पूछा है कि क्या नेता जी ने स्वतंत्रता आंदोलन की प्रेरणा सावरकर से ही है।

यह बात जग जाहिर है कि मोदी सरकार जब से सत्ता में काबिज हुई है तभी से इतिहास के साथ छेड़छाड़ और फर्जी अफवाहें उड़ाने की साजिशें रची जा रही हैं। इससे पहले भी देश में कश्मीर फाइल्स, केरल स्टोरीज और 72 हूर जैसी फिल्मों का निर्माण विशेष रूप से खास मकसद के लिये कराया जा रहा है। जैसा कि सब जानते हैं इन फिल्मों में भाजपा विशेष रूप से दिलचस्पी रखती है। द कश्मीर फाइल्स को प्रोमोट करने के लिये स्वयं पीएम मोदी और मंत्रियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया था। जहां जहां भाजपा की सरकारें थी वहां इस फिल्म को टैक्स फ्री तक कर दिया गया था। एक बात समझ में नहीं आ रही है कि जब मोदी सरकार ने इतना विकास और प्रगति की है तो नफरत और समाज को तोड़ने की साजिशें क्यों रची जा रही हैं।

72 हूरें फिल्म के को प्रोड्यूसर हैं अशोक पंडित
आशोक पंडित का नाम सोशल मीडिया पर चर्चा में रहता है। ये मोदी सरकार और भाजपा के बहुत बड़े हितैषी के रूप में जाने जाते हैं। इनके निशाने पर अक्सर कांग्रेस और गांधी परिवार रहता है। वेसे इन्होंने बॉलिवुड में कई फिल्में बनायी हैं। लेकिन उनको न तो नाम मिला और न ही पैसा। अब वो मोदी सरकार के मिशन को सफल बनाने में जुटे हुए हैं। हो सकता है कि मोदी जी की मेहरबानी हो जाये और वो राज्यसभा पहुंच जायें। अशोक पंडित रोज ही मोदी और उनकी सरकार के पक्ष में कांग्रेस के खिलाफ में जहर उगलते दिखते हैं।
नफरत को बढ़ावा देती विवादित फिल्में
यह देखा जा रहा है कि पिछले कुछ सालों से ऐसी विवादित फिल्मों का निर्माण कराया जा रहा जिससे एक समुदाय के प्रति नफरत का बाजार गर्माया जा रहा है। 2020 में द कश्मीर फाइल्स फिल्म रिलीज की गयी। इस फिल्म का निर्माण व निर्देशन विवेक अग्निहोत्री ने किया है। इस फिल्म में उनकी पत्नी पल्लवी जोशी ने भी प्रमुख किरदार निभाया है। इनके अलावा फिल्म में अनुपम खेर और मिथुन चक्रवर्ती ने भी किरदार निभाये हैं। जैसा कि सभी को मालूम है कि अनुपम खेर की पत्नी किरण खेर भाजपा की सांसद हैं। वहीं मिथुन चक्रबर्ती प बंगाल के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे। इस फिल्म के जरिये विवेक अग्निहोत्री ने कश्मीरियों की पीड़ा और अत्याचार को दिखाने का दावा किया है। लेकिन इस फिल्म के जरिये कांग्रेस को निशाने पर रखने का काम किया गया। द कश्मीर फाइल्स में 1990 के समय के हालात को दिखाया गया है। लेकिन उसमे इतने गलत तरीके से तथ्यों के साथ तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया है। फिल्म में यह दिखाया गया है कि 1990 के समय में कांग्रेस केन्द्र में थी जबकि वास्तविकता तो यह थी कि उस वक्त केन्द्र में वीपी सिंह की सरकार थी। जम्मू कश्मीर में भाजपा के खास नेता और पूर्व आईएएस जगमोहन राज्यपाल थे। भाजपा के इशारे पर कश्मीर फाइल्स का निर्माण कराया गया जिसका उद्देश्य कांग्रेस को बदनाम करना था।