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भाजपा के किलों को गिरायेंगे भाजपा नेता
देश में एक तरफ चुनावी शंखनाद बज चुका है। वहीं दूसरी ओर बड़बोले नेताओं के विवादित बयानों से उनकी पार्टी काफी परेशान दिख रही है। खासतौर से भाजपा के लिये उनके सांसद और नेता ऊल जुलूल बयान दे कर फजीहत कराने से बाज नहीं आ रहे हैंं। आजकल बीजेपी नेतृत्व अपने ही सांसद कंगना रनौत से आजिज दिख रही है। कंगना के बारे मेंसभी को मालूम है कि वो पहले से ही मोदी सरकार और पीएम के फेवर में कुछ भी विवादित बयान देती रही हें। जब
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार थी तो बीएमसी ने कंगना के घर पर यह कह कर बुल्डोजर चलवा दिया था कि उन्होंने अवैध निर्माण कर रखा है। इससे नाराज कंगना ने जमकर सीएम ठाकरे को खरी खोटी सुनायी थी। इसमे उन्हें केन्द्र सरकार की ओर सपोर्ट मिला था। उन्हें मोदी सरकार की ओर अतिरिक्त सुरक्षा दी गयी थी। इस पर भी विपक्ष ने यह सवाल उठाया था कि उन्हें किस वजह से सरकार ने विशेष सुरक्षा प्रदान की है।
भाजपा कंगन के विवादित बयानों से परेशान
लेकिन इस वक्त कंगना रनौत ने जिस तरह से किसान आंदोलन को लेकर विवाद कर दिया है उससे भाजपा को दूरगामी परिणाम भुगतने होंगे। इस बात के संकेत दिखने लगे हैं। भाजपा को अपनी सांसद कंगना को संवेदनशील मामले पर चुप
रहने की नसीहत दी है लेकिन लगता है पार्टी का नोटिस पा कर भी कंगना ने किसानों पर हमले करना जारी रखा है। उसके बाद वो कई समाचार टीवी चैनलों में धड़ल्ले से विवादित बयान दे रही है। इससे पहले वो राहुल गांधी पर
विवादित बयान दे कर फस चुकी हैं। उन्होने मीडिया से कहा था कि राहुल गांधी का नारको व ड्रग टैस्ट होना चाहिये। उनमे ऐसी कौन सी खूबी है कि वो नेता प्रतिपक्ष बनाये गये है। कंगना ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए
का कि उन्हें सिर्फ सत्ता की चाहत है उन्हें जनता के सरोकारों से कोई मतलब नहीं वो अपने स्वार्थ के लिये देश को बरगला रहे हैं।

स्पीकर ने सदन में कंगना को चुप कराया
इतना ही नहीं जब संसद सदन चल रहा था तब भी कंगना ने कुछ बेसिर पैर की बात कही थी। इस पर भी उन्हें स्पीकर ने डपट कर बैठा दिया था। कंगना ने एक बार  फिर न्यूज चैनल पर किसान आंदोलन पर विवादित बयान है। वो लगातार टीवी चैनलों पर कांग्रेस और किसान आंदोलन पर हत्यारा और रेप करने का आरोप लगा रही हैं। इससे ये लग रहा है कि उन्हें पार्टी ने नोटिस सिर्फ खानापूरी करने के लिये दिया है। कंगना पर उस नोटिस का कोई असर दिख नहीं रहा है। दिलचस्प बात यह है कि बीजेपी के ही कुछ समर्थक भाजपा के नोटिस देने और पल्ला झाड़ लेने का विरोध कर रहे है। कुछ नेता और सांसद कंगना के समर्थन में बीजेपी के रवैये की निंदा कर रहे हैं। ये पहली बार नहीं हुआ कि किसी
भाजप सांसद ने विवादित बयान दिये हैं। बल्कि भाजपा में तो परंपरा है कि जो जितना ज्यादा बदतमीज, अभद्र भाषा का प्रयोग कर विपक्ष को कोसे उसे पार्टी में प्रमोशन मिला है उदाहरण के तौर पर सांसद अनुराग ठाकुर, स्मृति ईरानी, मीनाक्षी लेखी, प्रवेश सिंह वर्मा, मनोज तिवारी, नुपुर शर्मा, संबित पात्रा, प्रेम शुक्ला, शिवम त्यागी, आरपी सिंह तुहिन सिन्हा आदि बहुत से प्रवक्ताओं कोे यह ट्रेनिंग दी गयी है कि जितनी बदतमीज और गाली दे सको उतना ही पार्टी में प्रमोशन मिलेगा। शायद यही सोच कर कंगना भी गंदी सोच और मानसिकता वाले बयान लगातार देर रही है। सांसद के बाद अव वो सरकार में अपनी जगह बनाने की फिराक में है।
बॉलिवुड में भी कंगना के धुर विरोधी
सांसद बनने से पहले कंगना बालिवुड में काम करती थी। वहां भी उनकी बड़े सितारों से नहीं बनी। उन्हें करण जौहर, अनुराग कश्यप, सलमान कैंप समेत अन्य बड़े प्रोडक्शन हाउस में काम करने का मौका नहीं मिता। उस पर कंगना
ने परिवारवाद का आरोप लगा कर बदनाम करने की कोशशि की। वैसे भी कंगना के संबंध कई बॉलिवुड के नामचीन कलाकारों से जुड़ा रहा है। फिल्म निर्माता महेश भट्ट, हृत्विक रौशन, शेखर सुमन के बेटे अध्ययन के अलावा काफी लोगों
से कंगना का नाम जुड़ चुका है। राकेश रौशन और कंगना के खिलाफ कोर्ट कचहरी तक हो चुका है। कंगना रनौत पर नशेवाजी करने के आरोप भी लग चुके हैं। सोशल मीडिया पर आजकल उनके अनेक वीडियो वायरल हो रहे हैं।
विवाद और कंगना रनौत कहते हैं कि बिगड़ैल और बदजुबान लेागों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता
है। सांसद बनने के बाद वो चंडीगढ़ से दिल्ली आ रही थी। वहां सीआरपीएफ की जवान कुलविंदर कौर ने कंगना को एयरपोर्ट पर सरेआम तमाचा मार कर सनसनी फैला दी थी। महिला जवान ने पूछने पर बताया कि कंगना ने किसान आंदोलन कर रहे महिला किसानों के बारे में अभद्र टिप्पणी करते हुए कहा कि ये औरतें सौ सौ रुपये में आंदोलन कर रही हैं। इस बात को लेकर वो काफी गुस्से में थीं। कंगना ने पंजाब की बुजुर्ग महिला मोहिंदर कौर पर भी घटिया टिप्पणी
की थी। इस घटना की देशविदेश में खूब चर्चा हुई थी। सीआरपीएफ की जवान कुलविंदर कौर को संस्पेंड करने के कुछ दिन बाद दूसरी जगह तैनात कर दिया।
राजनीति में आने से पहले कंगना रनौत को एक बदजुबां और नशेबाज अभिनेत्री के रूप में जाना जात था। सांसद बनने के बाद भी रनौत के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है। चुनाव के प्रचार के दौरान रनौत ने प्रेस के सामने कुछ ऐसे बयान दिये जिससे उनकी मूर्खता सामने आ गयी है। उन्होंने प्रेस इंटरव्यू में यह कह हैरान कर दिया कि देश के पहले प्रधानमंत्री सुभाष चद बोस थे। इतना ही नहीं कंगना ने यह कहा कि सरदार पटेल को पीएम इसलिये नहीं बनाया गया कि उन्हें अंग्रेजी कम आती थी। उन्होंने पूरे देश को चौंका दिया था कि 1947 में जो आजादी मिली वो आजादी नहीं बल्कि भीख मिली थी। असली आजादी हमें 2014 में पीएम मोदी के नेतृत्व में मिली है। हैरानी तो इस बात की है ऐसे गलत बयान देने वालों को भाजपा ने लोकसभा में हिमाचल से प्रत्याशी बनाया और बेवकूफ लोगों ने उन्हें जिता कर संसद में भेज दिया
है।

आगामी चुनावों में भाजपा को लगेगा भारी झटका

2020 में किसान आंदोलन कर रहे थे तब भी कंगना रनौत ने मोदी सरकार के फेवर में ट्वीट करते हुए किसानो को आतंकवादी खालिस्तानी तक कह डाला था। बीजेवी सांसद ने शाहीन बाग में धरना प्रदर्शन करने वाली बिल्कीस दादी के बारे में अभद्र टिप्पणी की थी। कंंगना रनौत के बयानों से महाराष्ट्र,पजाब हरियाणा, यूपी, हिमाचल और राजस्थान के किसानों में भारी रोष है जिसका खामियाजा भाजपा को हार के रूप में चखना होगा।

 

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