Home Editorial Why parties using religion in politics -धर्म क्या है❓इसे समझना है तो इस लड़की से सीखिये

Why parties using religion in politics -धर्म क्या है❓इसे समझना है तो इस लड़की से सीखिये

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Why parties using religion in  politics -धर्म क्या है❓इसे समझना है तो इस लड़की से सीखिये
An inspirational conversation between School Girl and class teacher

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क्लास में आते ही नये टीचर ने बच्चों को अपना परिचय दिया। बातों ही बातों में उसने जान लिया कि लड़कियों की इस क्लास में सबसे तेज और सबसे आगे कौन सी लड़की है? उसने खामोश सी बैठी उस लड़की से पूछा— बेटा, आपका नाम क्या है?
लड़की खड़ी हुई और बोली—जी सर, मेरा नाम है जूही।

टीचर ने फिर पूछा—पूरा नाम बताओ बेटा।
लड़की ने फिर कहा— जी सर मेरा पूरा नाम जूही ही है।

टीचर ने सवाल बदल दिया—अच्छा, तुम्हारे पापा का नाम बताओ।
लड़की ने जवाब दिया— जी सर, मेरे पापा का नाम है शमशेर।

टीचर ने फिर पूछा— अपने पापा का पूरा नाम बताओ।

लड़की ने जवाब दिया—मेरे पापा का पूरा नाम शमशेर ही है सर जी।

अब टीचर कुछ सोचकर बोले—अच्छा अपनी माँ का पूरा नाम बताओ।

लड़की ने जवाब दिया—सर, मेरी माँ का पूरा नाम निशा है।

टीचर के पसीने छूट चुके थे। क्यों कि अब तक वो उस लड़की की फैमिली के पूरे बायो डाटा में जो एक चीज ढूंढने की कोशिश कर रहा था। वो उसे नहीं मिली थी।

उसने आखिरी पैंतरा आजमाया और पूछा— अच्छा तुम कितने भाई बहन हो?

टीचर ने सोचा कि जो चीज वो ढूँढ रहा है शायद इसके भाई बहनों के नाम में वो क्लू मिल जाये।

लड़की ने टीचर के इस सवाल का भी बड़ी मासूमियत से जवाब देते हुये कहा— सर जी मैं अकेली हूँ। मेरे कोई भाई बहन नहीं है।

अब टीचर ने सीधा और निर्णायक सवाल पूछा— बेटे, तुम्हारा धर्म और जाति क्या है?

लड़की ने इस सीधे सवालका जवाब भी सीधा सीधा दिया— सर जी मैं एक विद्यार्थी हूँ। यही मेरी जाति है और ज्ञान प्राप्त करना मेरा धर्म है। मैं जानती हूँ कि अब आप मेरे पेरेंट्स की जाति और धर्म पूछोगे तो मैं आपको बता दूँ कि मेरे पापा का धर्म है मुझे पढ़ाना और मेरी मम्मी की जरूरतों को पूरा करना तथा मेरी मम्मी का धर्म है मेरी देखभाल करना और मेरे पापा की जरूरतों को पूरा करना।

लड़की का जवाब सुनकर टीचर के होश उड़ गये। उसने टेबल पर रखे पानी के गिलास की ओर देखा। लेकिन उसे उठाकर पानी पीना भी भूल गया। तभी लड़की की आवाज आयी। इस बार फिर उसके कानों में किसी धमाके की तरह गूँजी।

सर, मैं विज्ञान पढती हूँ और एक साइंटिस्ट बनना चाहती हूँ। जब अपनी पढ़ाई पूरी कर लूँगी और अपने माँ-बाप के सपनों को पूरा कर लूँगी, तब मैं फुरसत से सभी धर्मों का अध्ययन करूंगी और जो धर्म विज्ञान की कसौटी पर खरा उतरेगा। उसे मैं अपना लूँगी। लेकिन अगर किसी धर्म ग्रंथ में एक भी बात विज्ञान के विरुद्ध मिली त़ो मैं उस पवित्र किताब को अपवित्र समझूँगी, क्योंकि विज्ञान कहता है एक गिलास दूध में अगर एक बूंद भी केरोसिन मिला हो, तो पूरा का पूरा दूध ही बेकार हो जाता है।

लड़की की बात खत्म होते ही पूरा क्लास तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। तालियों की गूंज टीचरके कानोंमें गोलियों की गड़गड़ाहट की तरह सुनाई दे रही थी। उसने आँंखों पर लगे धर्म और जाति के मोटे चश्मे को कुछ देर के लिए उतार दिया था।
थोड़ी हिम्मत जुटा कर लड़की से बिना नजर मिलाये टीचर बोला— बेटा Proud of you.

(टीचर और स्टूडेंट के बीच वार्तालाप : एक कविता का अनुवाद)
अजय कुमार सिंह की फेस बुक वॉल से लिया गया।

यह लेख स्वतंत्र पत्रकार का है ये उनके अपने विचार हैं इससे वेबसाइट का सहमत व जिम्मेदार होना जरूरी नहीं है।

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