
कागज हम नहीं दिखायेंगे
कॉमेडी की दुनिया मे नाम कमाने वाले स्टैंड अप कॉमेडियन वरुण ग्रोवर किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। कॉमेडी के क्षेत्र मे नाम कमाने के साथ साथ वरुण एक सफल और लोकप्रिय लेखक भी हैं। वरुण ग्रोवर एक राजनीतिक व्यंग्यकार के रूप में भी जाने जाते हैं। इसके अलावा उन्होंने गीतकार और अभिनय के क्षेत्र में भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। इसके अलावा वो फिल्म निर्माता के रूप में अपनी पहचान छोड़ने में भी सफल रहे हैं। उनका एक वीडियो काफी वायरल रहा है जिसमें वो कह रहे हैं कि हम कागज नहीं दिखायेंगे। इस गीत को केन्द्र सरकार की नीतियों पर कटाक्ष माना जाता है। सरकार ने देश की जनता को बरगलाने और विभाजित करने के लिये सीएए और एनआरसी जैसे विवादित कार्यक्रम आयोजित किये जिससे देश के कोने कोने में समाज को बांटने का काम किया। इसी के विरोध में वरुण ग्रोवर ने हम कागज नहीं दिखायेंगे गीत को वीडियो के रूप में प्रचारित किेया। इस वीडियो
को जनता ने बहुत सराहा और मोदी सरकार समर्थकों ने इन्हें सोशल मीडिया पर खूब कोसा भी है। दिलचस्प बात यह है कि वो हमेशा से केन्द्र सरकार की गलत नीतियों के कट्टर आलोचक रहे हैं। मोदी समर्थक सावरकर व गोड्से के प्रशंसक हैं दूसरी ओर वरुण ग्रोवर गांधी और अंबेडकर के अनयायी हैं।
वरुण का जीवन परिचय
वरुण ग्रोवर का जन्म गणतंत्र दिवस 1980 के दिन हिमाचल के सुंदरनगर में हुआ था। अपनी पढ़ायी के बाद वो लिखने व पढ़ने की दुनिया में प्रवेश कर गये। उन्होंने बहुत सारे गीत लिखे जिनमे गैंग्स आफ वासेपुर का गीत बुमनिया और मोह मोह के धागे जैसे गानों ने वरुण को लोकप्रियता की ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। 2015 में उन्हें गीतकार का 63वें नेशनल फिल्मफेयर अवार्ड मिला। उन्होंने व्यंग्यकारों का एक ग्रुप ऐसी तैसी डेमोक्रेसी बनाया। 2023 में उनकी पहली फिल्म आल इंडिया रैंक को 52वे इंटरनेशल फिल्म फेस्टिवल में नामित किया गया। फिल्म जोर लगा कर हइशा के गीत मोह मोह के धागे को राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया। संवादों के लिये धूम और हिल रोड दुर्घटना में वरुण की काफी तारीफ हुई। गीतकार के रूप में वरुण को पीले जूते वाली यह लड़की, विक्रेताओं, बधाई दो, सुई धागा, आरआरआर, गैंग्स आफ वासेपुर प्रथम और द्वितीय, प्राहा, कटियाबाज, आंखों देखी,दम लगा के हइशा, काला, सोनचुरैया, न्यूटन, रमन राघव समेत अनेक नामचीन फिल्मों में शानदार काम के लिये सराहा गया है।