कोविड19 का कहर चीन के बुहान शहर से शुरू हुआ था। इस महामारी में चीन के 33 सौ लोग काल के गाल में समा गये। दिसंबर 19 मे कोविड वायरस ने बुहान में अपना कहर ढहाना शुरू किया था। चीन ने इस वायरस से निपटने को अथक प्रयास करते हुए इस महामारी पर काबू पाया। आज वहां हालात काफी सुधर गये हैं। बुहान मे भी जनजीवन सामान्य होते दिख रहे हैं। इससे चीन के आर्थिक हालात काफी खराब हो गये थे। लेकिन लोग यह भी कहते दिख रहे हैं कि चीन ने यह वायरस विश्व को तबाह करने के लिये ही फैलाया है। जहां चीन ने कोविड19 पर नियंत्रण कर लिया वहीं पूरी दुनिया में कोरोना का कहर दिखने लगा है। करीब आठ लोग इस जानलेवा बीमारी के कहर से पीड़ित हैं। सबसे अफसोस की बात यह है कि इस बीमारी का अभी तक एंटीडॉट नहीं खोजा गया है। लेकिन हाल ही में चीन ने यह दावा किया है कि उसके पास इस रोग का इलाज आ गया है। अब चीन इस दवा को मुंहमांगे दाम पर कोरोना प्रभावित देशों में बेचने जा रहा है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने के लिये ही चीन ने कोविड19 को फैलाया है।

ईरान, स्पेन और इटली के बाद अब अमेरिका का नंबर है। अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने आगाह किया है कि 2 लाख से ज्यादा मौतें हो सकती हैं। सोमवार को मौतों का आंकड़ा 3000 पार कर गया। यह 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमले में हुई मौतों की बराबरी है। अब इससे आगे जितनी भी मौतें होंगी वे अमेरिका के इतिहास में जुड़ती जाएगी।

कोरोना के आगे दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति बेबस खड़ी है। अरबों के हथियार, लड़ाकू विमान, मिसाइलें, जंगी जहाज सब बेकार हैं। इधर गाय और गोबर पर आश्रित भारत तबाही की बाट जोह रहा है। नीचे सुपौल में प्रवासी मज़दूरों के लिए गांव में बने क्वारंटीन का नज़ारा देखिए। आज केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि देश के 6 लाख से ज्यादा प्रवासी मज़दूरों के लिए क्वारंटीन बनाये गए हैं।

उम्मीद है कि ऐसे ही बने होंगे। कोर्ट भले इस दलील को मान ले कोरोना मानेगा क्या? वह तो सरकारों की मूर्खता पर हंस रहा होगा। नीचे एक तस्वीर केंद्र के हलफनामे की बानगी है, जिसमें वह मीडिया में हो रही किरकिरी को रोकने के लिए सेंसरशिप लगाना चाहती है।

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