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विजया शांति को यूएन कंवेंशन में प्रवेश कैसे मिला
आजकल इस बात की चर्चा हो रही है कि भारत का भगोड़ा बाबा नित्यानंद स्वामी की प्रतिनिधि विजया शांति को यूएन कंवेंशन में प्रवेश कैसे मिला। यह बात काफी दिलचस्प है कि ऐसी महत्वूर्ण सभाओं में ऐसे संदिग्ध लोग कैसे प्रवेश पा जाते हैं। विजय शांति एक ऐसे स्वयंभू देश की प्रतिनिधि के रूप में सम्मेलन प्रवेश कर जाती है। इस बात पर चर्चा हो रही है यूएन की सुरक्षा व्यवस्था को सेंध कैसे लगाने में सफल हुई नित्यानंद के प्रतिनिधि के रूप में। दिलचस्प बात यह है कि जिसे देश का अभी प्रमाण नहीं मिला उसे यूएन के सम्मेलन में प्रवेश कैसे दे दिया गया है। देश बनने के लिये कुछ मानक होते हैं जो कैलाशा

ने भी पूरे नहीं किये हैं वहां नित्यानंद जो भारत का भगोड़ा अपराधी है और अपने अपने आपको स्वयंभू भगवान घोषित कर रहा है। सोशल मीडिया पर यह विषय काफी ट्रेंड हो रहा है। इतना ही नहीं इस स्वयंभू देश की प्रतिनिधि के रूप में विजया शांति नित्यानंद ने भारत के ऊपर संगीन और झूठे आरोप लगा कर देश की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया। लेकिन भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने यह कर अपना पल्ला झाड़ लिया कि नित्यानंद की अनेक संगीन मामलों वांछित है उसे सरकार ने भगोड़ा ऐलान कर दिया है।
गजब हैं फर्जी और ढोंगी बाबा जिन पर इंडिया में जघन्य मामलों में केस चल रहे हैं। नित्यानंद बाबा पर देश में बलात्कार और बच्चों के शोषण जैसे गंभीर अपराधों में केस चल हरे है। देश में फंसता देख नित्यानंद स्वामी 2019 में देश से भाग गये थे। केन्द्र सरकार ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है। तभी यह चर्चा में आया कि बाबा ने इक्वेडोर के पास किसी द्वीप को खरीद लिया है। यह बाबा भारत में कई मामलों में वांछित है। लेकिन किसी तरह साठगांठ कर यह देश से भागने में सफल हो गया। ये ढोंगी बाबा भारत में तो देश की भोली—भाली जनता को मूर्ख बनाने में सफल रहते हैं ही विदेशों में भी अपनी धूर्तता और पाखंड से अपनी धाक जमाने में सफल हो जाते हैं।
नित्यानंद ने कोर्ट में कहा कि वो नामर्द है
2012 के आस पास कर्नाटक में नित्यानंद स्वामी का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कन्नड़ की दो ऐक्ट्रैस के साथ आपत्तिजनक अवस्था में थे। इस बात को लेकर पूरे में काफी हंगामा मचा था। ऐसे में देश के बहुत से संतों ने इस बाबा की निंदा व बहिष्कार करने की बात भी कही थी। मामला बहुत उछला तो नित्यानंद ने कोर्ट में कहा कि वो नामर्द है। वो किसी के साथ संबंध बनाने में सक्षम नहीं है। इसके बावजूद उसके समाज में अश्लीलता फैलाने के अपराध में जेल भेज दिया। लेकिन बाद में उसे जेल भेज दिया था। मामला ठंडा पड़ने के बाद नित्यानंद को जमानत भी मिल गयी।
बाबा के गुजरात आश्रम में बच्चों को जबरन कैद करने का मामला
कैलाशा द्वीप का राजा
नित्यानंद के गुजरात आश्रम में स्थानीय पुलिस छापा मार कर काफी बच्चों को आजाद कराया था। बाबा पर यह भी लगाया था कि उन बच्चों को अगवा कर आश्रम में काफी समय से जबरन रखा जा रहा था। पुलिस ने इस मामले में नित्यानंद पर गंभीर धाराओं में नामजद किया था। लेकिन मौका पाते ही 2019 में नित्यानंद से भागने में सफल रहा बाद में उसने यह ऐलान किया कि अब वो कैलाशा द्वीप का राजा हो गया है वहां उसकी सरकार और पुलिस है इतना ही उसका अपना आरबीआई और ध्वज भी है।