PM Modi Shah wants to make ram mandir issue in Next Gen. elections 2024
PM Modi Shah wants to make ram mandir issue in Next Gen. elections 2024

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एक समय था कि जब भाजपा की पहचान आडवाणी, अटल और मुरली मनोहर जोशी से होती थी। आज हालात यह हैं कि जिस राम मंदिर के निर्माण और आंदोलन में आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी ने सर्वस्व त्याग दिया। अटल जी तो मंदिर निर्माण की राह तकते तकते दुनिया से कूच कर गये। मोदी शाह की भाजपा ने उन्हें मार्ग दर्शक मंडल में बैठा कर सक्रिय राजनीति से बेदखल कर दिया है। 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में आडवाणी और जोशी के आने पर ही ग्रहण लगा दिया गया है। समय के​ साथ नेता किस तरह तोता चश्म हैं कि आज आडवाणी और जोशी जैसे नेताओं को नजरअंदाज कर रहे है।
आडवाणी ने अयोध्या मंदिर के लिये किया था आंदोलन
आडवाणी ने मंदिर निर्माण के लिये देशव्यापी आंदोलन चलाया था। तब मोदी शाह का नाम ओ निशान नहीं था आज के समय में भाजपा का मतलब सिर्फ गुजरात लॉबी है जहां सिर्फ मोदी और शाह की ही चलती है। इन दोनों का फरमान ही पार्टी का आदेश माना जाता है। आज उन्हीं वरिष्ठ नेता आडवाणी को निमंत्रण न देते हुए उन्हें कार्यक्रम में न आने को कहा जा रहा है। इसके पीछे राम मंदिर तीर्थ के सर्वेसर्वा चंपत राय ने दोनों नेताओं को फोन कर कार्यक्रम में शामिल न होने की सलाह दी गयी है। इसके पीछे चंपत राय ने उनकी बढ़ती उम्र को कारण बताया है। आडवाणी ने तो राय की सलाह को मान लिया लेकिन जोशी ने कार्यक्रम में शामिल होने की बात कही है। चंपत राय ने उनसे कहा कि आप 90 साल के हैं आपकी सेहत इस बात की गवारा नहीें करती कि आप लंबा सफर कर पायें। ले​किन जोशी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में जाने को अति उत्साहित हैं।
कल्याण सिंह को भी इसी तरह रोका गया
कल्याण सिंह भी मंदिर के नींव डालने के ​कार्यक्रम में शामिल होना चाहते थे। भाजपा में कल्याण सिंह एक समय में काफी प्रभाव रखते थे। कल्याण सिंह की सरकार बाबरी मस्जिद विध्वंस के चलते चली गयी थी। मोदी सरकार के काल में जब अयोध्या में राम मंदिर की नींव धरी गयी तो वो इस कार्यक्रम में भाग लेना चाहते थे लेकिन चंपत राय ने कल्याण सिंह के कार्यक्रम में सेहत का हवाला देते हुए उन्हें रोक दिया। कल्याण सिंह इस कार्यक्रम में हिस्सा लेना चाहते थे। चंपत राय ने कल्याण सिंह के बेटे राजीव पर दबाव बना कर उनके कार्यक्रम को रद करवा दिया था।
मोदी नहीं चाहते कि कोई पुराना नेता कार्यक्रम में हो!
राजनीतिक जगत में ये चर्चा है कि पीएम मोदी नहीं चाह रहे हैं कि आडवाणी और जोशी जैसे दिग्गज नेता राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मौजूद रहें। उसके पीछे यह कारण बतायाा जा रहा है कि पुराने दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में उनका फोटो आप्शन फीका पड़ जायेगा। ऐसा वो हरगिज नहीं होने देना चाहते हैं। ऐसे मौके पर देश विदेश का मीडिया मौजूद रहेगा। ऐसे में वो फोकस में बने रहना चाहते हैं। ये बात तो जग जाहिर है कि वो फोटो खिचाने का कोई मौका खोना चाहते हैं।

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