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विदेशी अखबारों ने मोदी और अडाणी पर उठाये सवाल
केन्द्र की मोदी सरकार के बुरे दिन चल रहे हैं। रोज नये घोटालों का खुलासा हो रहा है। पहले हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने मोदी और अडाणी को हिला कर रख दिया। दूसरी ओर इंडिया गठबंधन के दिन ब दिन मजबूत होने से भी मोदी सरकार और पीएम की मुश्किलें बढ़ रही हैं। हालात यह है कि पीएम इंडिया नाम जुबां पर लाने से भी परहेज कर रहे हैं। इससे परेशान हो कर मोदी सरकार और भाजपा ने साजिश कर राहुल गांधी की संसद सदस्यता तक खत्म करवा दी थी। लेकिन सुप्रीमकोर्ट से राहुल गांधी को सुप्रीम राहत मिली और उनकी सांसदी भी बहाल हो गयी। लेकिन इससे भाजपा और मोदी सरकार को भारी झटका लगा। बड़ी मुश्किल से राहुल गांधी को संसद में आने से रोका था लेकिन वो फिर से संसद में आने लगे हैं और सरकार को अडाणी मामले में घेर रहे हैं। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी सरकार अडाणी घोटालों की जांच जेपीसी से करायी जाये।
विपक्ष मोदी पर हमलावर क्यों हुआ हमलावर
नये खुलासे के अनुसार अखबारों में यह छपा है कि अडाणी ने शेयर बाजार में अपना पैसा लगाकर शेयरों के दाम बढ़ाने की साजिश की ओर देश की कंपनियों को खरीद कर मुनाफाखोरी का प्लान बनाया है। इस साजिश में देश के पीएम और सरकार की मिली भगत है। राहुल गांधी ने इडिया अलायंस की बैठक के दौरान प्रेसवार्ता कर मोदी सरकार और प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले में सफाई की मांग की है। इन सब घोटाले से विश्व में भारत की छवि खराब हो रही है। राहुल गांधी ने इस घोटाले को आजाद भारत का सबसे बड़ा घोटाला बताया है। इस नये खुलासे के बाद न तो गोदी मीडिया इस मामले में कोई डिबेट कर रहे हैं और न ही पार्टी प्रवक्ता और मंत्री जुबान खोल रहे हैं।

अडाणी ने मोदी की परेशानियां बढ़ाईं
आर्गनाइज्ड क्राइम एण्ड करप्शन रिपोर्टिंग की रिपोट से खुलासा हुआ कि अडाणी ने हवाला के जरिये विदशों से दूसरी कंपनियों का पैसा देश में मंगाया और शेयर बाजार में लगा कर अपने शेयरों की हालत सुधारी लेकिन सेबी ने उनकी संदिग्ध गतिविधियों को नजर अंदाज कर क्लीन चिट दी है। यह भी चर्चा में है कि जिस सेबी के अधिकारी ने अडाणी ग्रुप की कंपनी की जांच की वो अब एनडीटीवी में डाइरेक्टर रूप में काम कर रहा है। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह जांच को अंजाम दिया गया है।
भारत सरकार सरकार के लिये बुरी खबर
इस रिपोर्ट को दुनिया के जाने माने न्यूजपेपर फाइनेंशियल टाइम्स ओैर द गार्डियंस ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है। इस खबर का खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब कि मोदी सरकार जी 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रही हैं। भारी तादाद में अनेक देशों के राष्ट्राध्यक्ष और नामचीन लीडर्स भारत में आने की तैयारी में हैं। ओसीसीआरपी की जांच में आरोप है कि लाखों डालर का निवेश मॉरिशस की पब्लिक ने अडाणी ग्रुप की कंपनी के शेयरों में लगाया हैं। भारत सरकार के नियम कायदों को ताक पर रख कर अडाणी समूह ने सेबी को भी अनदेखा किया है। ये सब आसानी से इसलिये हुआ क्यों कि उनके रिश्ते पेीएम मोदी से काफी मधुर हैं। इस धांधली में गौतम अडाणी बड़े भाई विनोद अडाणी की विशेष भूमिका बतायी गयी है। इसके अलावा विनोद अडाणी के साथ उनके दो खास लोग जिनमे एक चीनी भी शमिल है। राहुल गांधी ने कहा कि इन हालातों में क्या कोई देश हमारे देश में निवेश करने की सोच भी कैसे सकता है।