Supreme Court tighten screws LG's & Governors who are working as Modi Govts. agents
Supreme Court tighten screws LG's & Governors who are working as Modi Govts. agents

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सीजेआई चंद्रचूड़ ने एक सुनवायी में पंजाब गवर्नर को चताते हुए कहा कि आप आग से खेल रहे हैं। समय रहते अपने अढ़ियल व स्वभाव में बदलाव लाइये। आप एक चुनी हुई सरकार के कामों में अड़चन नहीं डाल सकते हैं। आप सरकार को परेशान नहीं कर रहे बल्कि आम जनता को त्रस्त कर रहे हैं। राजनीतिक दांव पेंच में जनता पिस रही है। राज्यपाल के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि सरकार और राज्यपाल के बीच का मसला सुलझा लिया जायेगा। सीजेआई ने कहा अगर मामला आपस में सुलझा लिया होता तो पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा न खटखटाना पड़ता। सीजेआई ने राज्यपाल को चेतावनी ​दी कि सरकार ने जो भी फाइलें भेजी हैं उनको तुरंत वापस करें। जनता ने सरकार को चुना है आप को नहीं सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है।

Modi with Shah in shocked due to Karnatak political event by Janardan Reddy
PM Modi & Shah is very upset for the Supreme Courts Observations about LG’s & Governors of non bjp states

राज्यपाल नहीं मोदी और आरएसएस के एजेंट

यह देखा जा रहा है कि जब से मोदी सरकार पार्ट2 बनी है तब से केन्द्र से भेजे गये राज्यपाल केन्द्र सरकार के एजेंट के रूप काम कर रहे है। इन सभी राज्यपालों और उपराज्यपालों का काम सरकार के कामों में अड़ंगा डालना है। चाहे वो पंजाब का मामला हो या दिल्ली का या तमिलनाडु का। या फिर केरल या पुडुचेरी। सभी जगहों पर राज्यपाल सरकार की प्रणाली को बाधित करते रहते हैं। इन लोगों की दखलंदाजी से परेशान तमिलनाड़ केरल और पुडुचेरी की सरकारों ने विधानसभा में ये बिल पास कराया कि हमे अपने प्रदेश में राज्यपाल नहीं चाहिये। क्यों कि लोग मोदी सरकार व आरएसएस के प्रोपेगंडा को फैलाने का प्रयास कर रहे है। इसके अलावा सरकार को बदनाम करने की साजिश रचते हैं। हमेशा प्रदेश सरकार और राज्यपालों के बीच विवाद बना रहता है। ये साजिशन सरकार की फाइलें रोक कर उसमें कमियां  निकाल कर दबाये रहते हैं।

पंजाब सरकार और गवर्नर के बीच रार

जब से पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है तभी तो राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के बीच छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। श्री पुरोहित बेवजह सरकार के कामकाजों में बाधा डालते रहते हैं ऐसा आरोप सीएम भगवंत मान लगाते रहे हैं। उनके इसी रवैये को देखते हुए सरकार ने विधानसभा में बिल ला कर यह कानून बनाया कि प्रदेश की यूनिवर्सिटी में राज्यपाल का कोई दखल नहीं रहेगा। ऐसा इसलिये किया क्योंकि वो अपनी मर्जी से वहां संघ व बीजेपी कार्यकर्ताओं की नियुक्तियां कर रहे थे। ये सब देख कर सरकार ने राज्यपाल को दखल देने से रोक लगा दी। इससे पुरोहित चिढ़ गये और अपनी चिढ़ सरकार की फाइलें रोक कर निकाल रहे है। जब पानी सिर से ऊपर निकल गया तो मान सरकार ने सुप्रीमकोर्ट में शिकायत कर दी। शिकायत पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले को समझते हुए राज्यपाल को चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार के कामों में अड़ंगा डालने के बजाये सामंजस्य बैठाने का प्रयस करें।

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