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ठीक चुनाव परिणाम पहले देश की मीडिया में एग्जिट पोल चलाये जाते हैं इसके पीछे मंशा यह थी कि देश की जनता में यह मैसेज दिया जाये कि मोदी जी एक बार फिर से प्रचंड बहुमत से सरकार बनाने जा रहे हैं। यह एक ऐसी साजिश रची गयी जिसके तहत विपक्षी गठबंधन इंडिया को भरमाया जा सके उन पर मानसिक दबाव बनाया जा सके। जबकि असलियत काफी खराब थी। इंडिया गंठबंधन ने भाजपा को बुरी तरह अपने जाल में फंसा कर परिणाम अपने पक्ष में कर लिये थे। मोदी शाह और भाजपा अपनी खस्ता हालात को समझ गये थे। इसलिये गोदी मीडिया में फर्जी ऐग्जिट पोल प्रचारित कराये गये। ताकि आम जनता यह समझे कि देश में अभी भी मोदी मैजिक बरकरार है। जब कि असलियत यह है कि लोगों के अंदर मोदी सरकार के दस सालों के खिलाफ गुस्सा है। फर्जी सर्वे मीडिया में चलवाने के लिये मोदी सरकार का प्लान था जिसके तहत वो जनता में अपनी जीत का दावा कर रहे थे। उनकी इस साजिश में ऐग्जिट पोल कराने वाली एजेंसियों का बड़ा हाथ है। ये सर्वे राजनीतिक दल पैसा दे कर कराते हैं और अपने पक्ष में परिणाम पाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि सभी सर्वों में मोदी सरकार की प्रचंड वापसी को दिखाया गया था।

PM Modi & Shah is very upset about present political & Social condition of INDAI
PM Modi & Shah is very upset about present political & Social condition of INDAI

फर्जी सर्वे के जरिये लाखों करोड़ के वारे न्यारे
मोदी सरकार और मोदी शाह ने पोस्ट पोल का राजनीतिक फायदा उठाने को उन्होंने लोगों से शेयर बाजार में उछाल आने की बात कही और शेयर बाजार में निवेश करने की सलाह दी। जबकि यह वो जानते थे कि शेयर बाजार में जो उछाल आया वो सुनियोजित साजिश का नतीजा है। उन्हें यह बात मालूम थी कि शेयर बाजार में जो तेजी देखी गयी है वो बहुत ही बड़े घोटाले का हिस्सा है। जिन लोगों को इस साजिश का पहले से पता था उन्होंने एक दिन के भीतर ही खरीदे गये विशेष कंपनियों के शेयरों को बेच कर भारी मुनाया। लेकिन करोड़ो की संख्या छोटे निवेशकों को भारी नुकसान हो गया। कांग्रेस ने इस मामले में मोदी सरकार पर 33 लाख करोड़ के घोटाले का सीधा आरोप लगाया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और वित्त मंत्री की भूमिका पर सवाल उठाये हैं। श्री गांधी ने कहा कि पीएम मोदी,अमित शाह और वित्त मंत्री ने निवेशकों का ठगा है। मोदी और सरकार के मंत्रियों ने किस हैसियत से जनता से विशेष कंपनियों के शेयर खरीदने की सलाह दी। जबकि उन्हें मालूम था कि एक दिन बाद मार्केट में भारी घाटा निश्चित था। मोदी और सरकार ने आम निवेशकों के साथ छल करते हुए उनकी गाढ़ी कमाई को लूट लिया। राहुल गांधी ने प्रेसवार्ता में कहा कि वो इस मामले की तह तक जाने के लिये जेपीसी कमेटी की जांच कराने की मांग करने वाले हैं। यह पिछले दस सालों में मोदी सरकार का सबसे बड़ा आर्थिक अपराध है जिसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनायी दे रही है।
देश में पीएम मोदी और सरकार का असर कम हुआ
यही वजह रही कि जनता ने भाजपा और मोदी सरकार को उन्हीं के गढ़ यूपी में बुरी तरह हराते हुए इंडिया गठबंधन को समर्थन दिया। इस चुनाव में 19 मंत्रियों को जनता ने नकार दिया। उनके स्थान पर विपक्ष के उम्मीदवारों को संसद भेजने का जनादेश दिया। सिर्फ यूपी में ही भाजपा सरकार में 6 मंत्रियों को हार कर मुंह देखना पड़ी है। समाजवादी पार्टी ने इतिहास रचते हुए 37 सीटों पर जीत हासिल की है। भाजपा और मोदी शाह ने भाषणों में राहुल अखिलेश की खूब खिल्ली उड़ायी थी। मोदी भाषणों में राहुल अखिलेश को शहजादे कह कर तंज करा करते थे। चुनाव परिणाम आने के बाद से मोदी और भाजपा का मुंह बंद हो गया है। भाजपा की फजीहत न केवल यूपी में हुई बल्कि राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र और बिहार में भी हुई है। आज के हालात में केन्द्र में पहली बार एनडीए की सरकार बनती दिख रही है जिसमें संसदीय दल के नेता तो नरेंद्र मोदी हैं लेकिन उन पर अब घटक दलों का दबाव साफ नजर आयेगा। सरकार बनने से पहले ही जेडीयू, टीडीपी,हम, चिराग पासवान और शिंदे गुट ने भी अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिया हैं। अब सवाल यह उठ रहा है कि नरेंद्र मोदी इन नाजुक हालातों में कितने दिन तक सरकार चलाने में सफल होंगे।

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