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देश में इलैटोरल बांड को लेकर विपक्ष जमीनआसमान एक करे हुए है लेकिन पीएम मोदी के मुंह से एक भी बयान नहीं फूटा है। इस चुनावी चंदे को सुप्रीम कोर्ट अवैध बता कर रद कर दिया है। इस योजना के तहत सत्ताधारी दल को लगभग आठ हजार करोड़ का चंदा मिला है। दिलचप बात यह है कि बांड की नींव के निर्माण में पीएम मोदी की प्रमुख भूमिका है। देशभर में प्रचार करते समय मोदी विपक्ष के घोटालों का जिक्र कर रहे हैं लेकिन इस महा घोटाले के बारे उनको सांप सूंघ गया है। उनके इस महापाप में उनका साथ देश की गोदी मीडिया पूरी तरह से मोदी जी के पाप को छुपाने का काम कर रही है। पिछले दस सालों में मीडिया का जो स्तर गिरा है उससे जनता में पत्रकारिता की अपमान होता जा रहा है। जिस मीडिया का काम सत्ता सरकार से सवाल पूछना होता था

अब वो सवाल विपक्ष के नेताओं से कर रहे हैं। मीडिया में पत्रकारों के नाम पर सत्ता के दलालों ने ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी भारतीय स्टेट बैंक कोर्ट में चुनावी बांड का पूरी जानकारी देने मे आनाकानी कर रहा है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि साफ जाहिर है कि मोदी सरकार के इशारों पर भारतीय स्टेट बैंक जांच में सहयोग करने के बजाये रोड़ा अटकाने में जुट गया है। ये बात तो तय है कि बांड की जानकारी मिलने के बाद इस बात का खुलास हो जायेगा कि अरबों रुपये का चंदा किस पार्टी को गया है। लेकिन दूसरी ओर जापान में भी इसी तरह को चुनावी चंदे में हेराफेरी का मामला सामने आया है। वहां के पीएम फ्यूमो किसीदा ने इसकी जानकारी होते ही संसद भवन में माफी मांगते हएु उन दोषियों के खिलाफ ऐक्शन लेते हुए उन्हें मंत्री पद और सांसदी सके मुअत्तल कर दिया है। उन्होंने कहा उनका प्रयास है कि जनता के बीच राजनीति की छवि साफ सुथरी बनी रहे। जहां जापान के पीएम किसीदो राजनीति को साफ करने के लिये किसी भी सख्त कार्रवाई करने से चूक नहीं रहे हैं। वहीं देश के पीएम मोदी इन घोटालों में लिप्त होने की वजह से मुंह छुपाते घूम रहे हैं। जांच की राह में रोड़े अटकाने से बाज नहीं आ रहे है। ऐसे मे सवाल उठता है कि क्या मोदी भी जापान के पीएम किसीदो से सीख लेते हुए चुनावी चंदे पर ऐक्शन लेंगे।
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने जापान की राजनीति में साथ सुथरी छवि बनायी है। पूर्व पीएम शिंजों ने अपने कार्यकाल में पार्टी ओर अफसरशाही पर अपनी पकड़ बनाये रखी थी। दिलचस्प बात ये है कि आज के समय में पीएम फ्यूमो किसीदा और पूर्व पीएम आबे की राजनीति की तुलना कितनी अहम् है। वर्तमान में जापान की एलडीपी की पार्टी पार्टी फंड को लेकर चर्चा में है। पार्टी पर अवैध तरीके से चंदा लेने का आरोप है। मालूम हो कि दिसंबर 2023 में हुए चुनाव के दौरान गलत ढंग से पार्टी फंड में धन लिया गया। इससे पार्टी की छवि जनता में खराब हुई ऐसा पीएम किसीदा मानते हैं। इसके लिये पीएम ने संसद के अंदर इसके लिये माफी तक मांगी है। जानकारी हो कि किसीदा का कार्यकाल सितंबर 2024 तक का है। एलडीपी पर आरोप है कि उसके नेताओं ने चुनाव प्रचार के लिये अनीतिपूर्ण तरीकों से चंदा वसूला। यह रकम 970 मिलियन यानि 6.5 मिलियन यूएस डालर है। यह चंदा किसीदा सरकार के कार्यकाल 2018 से 2022 तक का है तब पूर्व पीएम शिंजो आबे की सरकार थी। ऐसे मे इस चंदे के लिये किसीदा सरकार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। किसीदा सरकार जांच के दायरे में नहीं आ सकती है।
संस्थाओं को पार्टी का टिकट सीनियरिटी के आधार पर बेचा
दोषी एलडीपी नेताओं ने चंदा उगाही करने वाली संस्थाओं को पार्टी का टिकट सीनियरिटी के आधार पर बेचा। होने वाले लाभ को वापस उस एमपी को मिल गया। जबकि यह पूरी तरह से अवैध था। कानूनी तौर पर इस फंड का इस्तेमाल पूरी तौर पर प्रतिबंधित था। इस बात का खुलासा पूर्व पीएम शिंजो आबे के स्टाफ ने जनवरी 2024 में किया था। एलडीपी के आरोपी सांसदों ने अपनी वरीयता के आधार पर टिकटों को बेचा था। मीडिया रिपोर्ट के आधार पर 2 लाख येन यानि 1330 यूएस डालर हर साल की राधि बतायी गयी है।
पूर्व पीएमओ के अफसर जो आबे शासन काल में थे ने इस घोटाले का खुलासा किया कि एक एमपी 30 साल तक इस तरह की अवैध धनराशि को लेता रहा जो बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। उनका कहना था कि पब्लिक आफिस इलैक्शन ऐक्ट के तहत मीटिंग प्रचार प्रसार, आने जाने का खर्चा रैली जनसभा व सभागार का खर्चा एमपी को करना चाहिये। विपक्ष ने आरोप लगाया कि पार्टी के उम्मीदवारों ने पैसे के बल पर वोटर्स का वोट खरीदने की साजिश की है।
डैमेज कंट्रोल को किसीदा ने कड़े कदम उठाये
14 दिसंबर 2023 को पीएम किसीदा ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषी मंत्रियों और सांसदों हटाते हुए अन्य नेताओं को सरकार में शामिल किया। इसके अलावा पार्टी के मुख्य प्रवक्ता को भी उनके पद से हटा दिया गया। इसके अलावा इसके अलावा एक 38 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन भी किया जो ऐसे मामलों पर निगरानी रख कर कार्रवाई सके। ये सब इसलिये किया गया जिससे एलडीपी की छवि जनता में बचायी जा सके। पूर्व 8 एलडीपी पीएम ने पार्टी को मनमाने ढंग से इस्तेमाल किया था।चार्ज लगने के बाद किसीदा सरकार ले 10 लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए छवि सुधारने का कदम उठाया है। इन में तीन डाइट मेंबर भी शामिल हैं 2 लाख यूएस डालर की अवैध धनराशि प्राप्त की थी।