जैसे जैसे बिहार में चुनाव करीब आता जा रहा है वैसे वैसे राजनीतिक दलों में पाला बदलने की शुरुआत हो चुकी है। इसकी पहल बिहार सरकार मे मंत्री रहे श्याम रजक ने की, उनकी मंशा समझते हुए जेडीयू ने रजक को पार्टी से निकाल कर बाहर का रास्ता दिखा दिया। सूत्र बता रहे हैं कि अभी अन्य दलों के विधायक और दिग्गज नेता पाला बदलने का मौका देख रहे हैं। यह भी सुनने में आया है कि राजद के पांच विधायक दिल्ली आ कर भाजपा में शामिल हो गये है।
श्याम रजक अपने पूर्व दल में शामिल हो गये है। उन्हें राजद के नेता तेजस्वी यादव ने पार्टी मे दोबारा शामिल कराया है। पिछला चुनाव रजक ने जेडीयू के टिकट पर चुनाव जीता था। पांच साल के भीतर ही उनका मन जेडीयू से भर गया। पार्टी से छोड़ने के पहले श्याम रजक ने यह आरोप लगाया कि जेडीयू में उनकी सुनवायी नहीं होती है। जो सम्मान मिलना चाहिये तो नहीं दिया जा रहा था। जेडीयू को उनकी मंशा का पता चला तो नेतृत्व ने श्याम रजक को पार्टी से बाहर कर दिया।
वहीं दूसरी ओर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी भी महागठबंधन में कसमसा रहे हैं। वो भी वापस अपनी पूर्व पार्टी जनता दल युनाइटेड में जाने की फिराक में है। उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता मांझी से पाला बदलने पर एक बार फिर विचार करने की बात कर रहे है। मांझी और नितीश कुमार की कई बार इस मुद्दे पर मुलाकात कर चुके हैं। दो चार दिन के भीतर मांझी महागठबंधन से नाता तोड़ नितीश का दामन थाम सकते है। यह तो तय माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में जेडीयू की हालत खराब होती दिख रही है।
वहीं लोजपा नेता चिराग पासवान ने यह संकेत दे दिया है कि वो जल्द ही बिहार सरकार से समर्थन वापस लेने वाले हैं। यह भी इशारा कर दिया है कि वो बिहार की सभी सीटों पर लोजपा के उम्मीदवार उतारेंगे। हाल ही में जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव से चिराग पासवाान की मुलाकात इस बात की पुष्टि कर रही है। पप्पू यादव लोजपा के सहारे बिहार में जनअधिकार पार्टी जड़े मजबूत करने के प्रयास में लगे हैं।