कोरोना की वजह से देशभर लगे लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया था। हालात इतने खराब हो गए कि अप्रैल-जून की तीमाही में जीडीपी 23 फीसद से ज्यादा नीचे चली गई। मोदी सरकार के राहत पैकेज और अनलॉक जैसे कदम के साकारात्मक नतीजे भी अब दिखने लगे हैं। सितंबर में जीएसटी संग्रह में जहां बढ़ोतरी हुई है वहीं ऑटो सेक्टर ने भी रफ्तार पकड़ी है। बिजली की खपत बढ़ी तो पेट्रोल की मांग में भी इजाफा हुआ है। वहीं छह महीने की गिरावट के बाद देश का निर्यात सितंबर महीने में सालाना आधार पर 5.27 प्रतिशत बढ़ गया और सितंबर में विनिर्माण पीएमआई साढ़े आठ साल के उच्चस्तर पर पहुंच गया। ये छह संके बताते हैं कि कोरोना ने जिस अर्थव्यवस्था को पटरी से उतार दिया, वह पुन: पटरी पर लौट रही है। आइए जानें इन क्षेत्रों में सितंबर में कितना सुधार हुआ…

निर्यात में छह महीने से जारी गिरावट पर लगा विराम

लगातार छह महीने की गिरावट के बाद देश का निर्यात सितंबर महीने में सालाना आधार पर 5.27 प्रतिशत बढ़कर 27.4 अरब डॉलर रहा। यह जानकारी गुरुवार को  वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने दी।  उन्होंने कहा कि यह भारतीय अर्थव्यवस्था में तीव्र गति से पुनरूद्धार का संकेत है क्योंकि निर्यात का यह स्तर कोविड-19 पूर्व के स्तर से ऊपर निकल गया है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ”मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड: भारत का निर्यात सितंबर 2020 में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 5.27 प्रतिशत बढ़ा है। सितंबर 2019 में 26.02 अरब डॉलर का निर्यात किया गया था। कोविड-19 महामारी और इसके कारण वैश्विक स्तर पर मांग में कमी से इस साल मार्च से ही निर्यात में गिरावट जारी थी।
     
वाहन कंपनियों के चेहरे पर लौटी मुस्कान

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देश की शीर्ष दो कार कंपनी मारुति सुजुकी और हुंदै मोटर्स ने सितंबर में वाहन बिक्री में तेजी दर्ज की है। चालू वित्त वर्ष की शुरुआत में पहले लॉकडाउन और उसके बाद धीरे-धीरे अर्थव्यवस्था अनलॉक होने के बीच बिक्री में यह बढ़ोत्तरी कंपनियों के चेहरे पर रौनक लाने वाली है। कंपनियों के अनुसार यह पुनरूद्धार का संकेत है। इनके अलावा टाटा मोटर्स, होंडा कार्स इंडिया, स्कोड ऑटो इंडिया और किआ मोटर्स की बिक्री में भी सुधार रहा। वहीं मानसून के अच्छे रहने और सरकार के न्यूनतम समर्थन मूल्य में इजाफा करने के चलते ट्रैक्टर कंपनियों की समीक्षावधि में पौ-बारह रही। हालांकि टोयोटा किर्लोस्कर मोटर्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा और एमजी मोटर जैसी कंपनियों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गयी।
     
जीएसटी संग्रह चार प्रतिशत बढ़कर 95,480 करोड़ रुपये रहा

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माल एवं सेवा कर (जीएसटी) का संग्रह सितंबर महीने में चार प्रतिशत बढ़कर 95,480 करोड़ रुपये रहा, जो चालू वित्त वर्ष में अब तक किसी एक महीने में किया गया सबसे अधिक जीएसटी संग्रह है। इससे पता चलता है कि अर्थव्यवस्था उबरने की राह पर है। वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी।मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सितंबर 2020 का जीएसटी संग्रह पिछले साल के इसी महीने के कुल जीएसटी संग्रह से चार प्रतिशत अधिक है। सितंबर 2019 में जीएसटी संग्रह 91,916 करोड़ रुपये रहा था। इस साल सितंबर में साल भर पहले की तुलना में माल के आयात से एकत्रित कर 102 प्रतिशत और घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व संग्रह 105 प्रतिशत रहा है।

बिजली खपत में छह महीने बाद सुधार

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देश में बिजली खपत सितंबर महीने में सालाना आधार पर 5.6 प्रतिशत बढ़कर 113.54 अरब यूनिट पर पहुंच गई। इस साल मार्च से छह महीने के अंतराल के बाद बिजली खपत बढ़ी है। यह कोविड-19 महामारी के बीच सुस्त औद्योगिक और वाणिज्यिक गतिविधियों में तेजी आने का संकेत है।कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये ‘लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियों पर पड़े असर से बिजली खपत में मार्च से ही गिरावट जारी थी। सरकार ने 25 मार्च, 2020 को ‘लॉकडाउन लगाया था। बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल सितंबर में बिजली खपत 107.51 अरब यूनिट थी।     सालाना आधार पर बिजली खपत मार्च में 8.7 प्रतिशत, अप्रैल में 23.2 प्रतिशत, मई में 14.9 प्रतिशत, जून में 10.9 प्रतिशत, जुलाई में 3.7 प्रतिशत और अगस्त में 1.7 प्रतिशत कम रही थी।

पेट्रोल की मांग कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर

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 देश में पेट्रोल की मांग में सितंबर में दो प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिए मार्च के आखिर में देश में लॉकडाउन लगाया गया था। इसके बाद से पेट्रोल की बिक्री में पहली बार बढ़ोतरी हुई है, जिससे पता चलता है कि इस वाहन ईंधन की मांग कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर पहुंच रही है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों के शुरुआती आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इन कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी 90 प्रतिशत है। हालांकि, डीजल की बिक्री सामान्य स्तर से कम है, लेकिन माह-दर-माह आधार पर इसमें बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों के अनुसार सितंबर में पेट्रोल की बिक्री दो प्रतिशत बढ़ी है। पिछले महीने की तुलना में पेट्रोल की बिक्री में 10.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। हालांकि, डीजल की मांग अभी नकारात्मक बनी हुई है। सालाना आधार पर डीजल की बिक्री में सात प्रतिशत की गिरावट आई है। हालांकि, अगस्त की तुलना में डीजल की बिक्री 22 प्रतिशत अधिक रही है। 

सितंबर में विनिर्माण पीएमआई साढ़े आठ साल के उच्चस्तर पर 

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देश में विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों में सितंबर में लगातार दूसरे महीने सुधार हुआ है। एक मासिक सर्वे के अनुसार नए ऑर्डरों और उत्पादन में बढ़ोतरी से सितंबर में विनिर्माण गतिविधियां करीब साढ़े आठ साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई हैं।    आईएचएस मार्किट इंडिया का विनिर्माण खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) सितंबर में बढ़कर 56.8 पर पहुंच गया। अगस्त में यह 52 पर था। जनवरी, 2012 के बाद यह पीएमआई का सबसे ऊंचा स्तर है। आईएचएस मार्किट की इकनॉमिक्स एसोसिएट निदेशक पोलीअन्ना डे लीमा ने कहा, ”भारत की विनिर्माण गतिविधियां सही दिशा में बढ़ रही हैं। सितंबर के पीएमआई आंकड़ों में कई सकारात्मक चीजें हैं। कोविड-19 अंकुशों में ढील के बाद कारखाने पूरी क्षमता से काम कर रहे हैं और उन्हें नए ऑर्डर मिल रहे हैं। 



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