आईटीबीपी ने पहली बार बताया- पूरी रात लड़े जवान, पत्थर फेंकनेवाले चीन सैनिकों को दिया मुंहतोड़ जवाब


चीन के साथ लगते वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पहाड़ी इलाकों में तैनात इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के जवान गलवान हिंसा के समय रातभर लड़ते रहे और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पत्थर फेंकने वाले सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया। पूर्वी लद्दाख में चले इस खूनी खेल के बारे में पहली बार आईटीबीपी ने पूरी कहनी बताई।

पूर्वी लद्दाख में इस साल मई और जून में चीनी सैनिकों के साथ भिड़ंत के वक्त अपने अदम्य साहस दिखाने वाले आईटीबीपी के बहादुर जवानों को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर वीरता पुरस्कारों की सिफारिश की गई है। साथ ही, आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देसवाल द्वारा 294 कर्मियों को महानिदेशक की तरफ से सराहनीय रोल और प्रतीक चिन्ह से सम्मानित किया गया है।

चीन की पीएलए सैनिकों के साथ खूनी झड़प और भारतीय जवानों के कंधे से कंधा मिलाकर लड़ने का कुछ ब्यौरा आईटीबीपी ने पहली बार साझा किया है, जिसमें यह बताया गया है कि कुछ जगहों पर यह संघर्ष करीब 17 से 20 घंटे तक चला। आईटीबीपी ने बताया कि एक तरफ जहां जवानों ने पूरी रात लड़ाई लड़ी और पीएलए के पत्थर फेंकने वाले सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया तो वहीं दूसरी तरफ उनको सबसे कम नुकसान हुआ।

उन्होंने आगे बताया, आईटीबीपी के जवानों न सिर्फ प्रभावी ढंग से अपनी रक्षा के लिए ढाल का इस्तेमाल किया बल्कि पीएलए के सैनिकों को आक्रामक तरीके से जवाब देकर स्थिति को काबू किया। जवानों ने पेशेवर कौशल और उच्चतम पराक्रम के साथ आईटीबीपी के जवानों ने लड़ाई लड़ी और घायल भारतीय जवानों को नीचे लेकर आए।

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सेनाओं के बीच गतिरोध कम करने के प्रयासों के बीच बीते 15 जून को गलवान घाटी में तीन घंटे तक दोनों सेनाओं के बीच चले खूनी संघर्ष में भारतीय सेना के एक कमांडिग अधिकारी (कर्नल) समेत 20 जवान शहीद हो गए। इस झड़प में चीनी जवानों के मारे जाने की भी पुष्टि की गई, लेकिन चीन की तरफ से यह नहीं बताया गया कि उसके कितने सैनिक हताहत हुए हैं। हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 43 चीनी सैनिक या तो गंभीर रूप से घायल हुए या मारे गए। 

भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में गतिरोध चल रहा है। काफी संख्या में चीनी सैनिक अस्थाई सीमा के अंदर भारतीय क्षेत्र में पैंगोंग सो सहित कई स्थानों पर घुस आए हैं। भारतीय सेना ने घुसपैठ पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए उनकी तुरंत वापसी की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिए दोनों पक्षों के बीच पिछले कुछ दिनों में कई वार्ताएं हुई हैं। भारत और चीन का सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर है। चीन, तिब्बत के दक्षिणी हिस्से के रूप में अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है, जबकि भारत इसे अपना अभिन्न अंग बताता है।





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