shabana azmi
Bollywood Actress Swara Bhaskar came in front to defend Sr. Bollywood Actress Sahabana Azmi

नयी दिल्ली। बॉलिवुड की बेहतरीन अदाकारा और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी चर्चा में हैं। उनके एक ट्वीट को लेकर उन पर कुछ बॉलिवुड की सी ग्रेड हीरोइन और हिन्दूवादी संगठन हमलावर हैं। शबाना आजमी अपनी प्रतिभा और सामाजिक प्रतिष्ठा के कारण भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी जानी जाती हैं। उनके समर्थन में बालिवुड की प्रतिभाशाली और सामाजिक सरोकारों जुड़ी ऐक्ट्रैस स्वरा भास्कर ने शबाना के समर्थन ट्वीट कर यह एहसास कराया कि शबाना आप इस जंग में अकेली नहीं हो कुछ लोग उनके साथ खड़े हैं जो तरक्की पसंद और आजाद ख्यालों के हैं। जिनमे सच बोलने की क्षमता और साथ देने की ताकत अभी भी है। स्वरा का यह ट्वीट काफी वायरल हो रहा है।

शबाना आजमी के ट्वीट के मुकाबले में पायल रोहतगी ने एक वीडियो शेयर करते हुए टीका टिप्पणी उन्हें यह एहसास कराने का प्रयास किया कि वो भारत देश में एक रियाया की तरह हैं जिनका फर्ज है कि हुकूमत और हुक्मरान के हुक्म की तामील करें। इससे ज्यादा उन्हें भारत में कोई अधिकार नहीं है। फिलहाल मोदी सरकार में तो यह साबित हो रहा है। पायल रोहतगी पिछले एक डेढ़ दशक से भारतीय फिल्मों में हैं लेकिन आजतक कोई मुकाम नहीं बना पायी हैं। इस बहाने एक प्रतिष्ठित समाजसेविका और अभिनेत्री पर कीचड़ उछालेन से शायद मीडिया में कुछ जगह मिल जाये। ऐसी वो अकेली नहीं हैं पिछले पांच साल में मोदी भक्तों में अनुपम खेर, सोनू सूद, मधुर भंडारकर और विवेक ओबराय का नाम भी शामिल हैं जो अघोषित भाजपा के कार्यकर्ता है।

शबाना आजमी ने हाल ही में ट्वीट में यह कहा कि सरकार केी आलोचना करने वालों को लोग देशद्रोही और गद्दार बताने लगते हैं। सरकार की आलोचना देश की आलोचना कैसे हो सकती है। राजनेताओं का देश का प्रतीक कैसे माना जा सकता है। उनके इस ट्वीट का लेकर सत्ताधारी दल के कार्यकर्ता और हिन्दूवादी संगठन शबाना आजमी पर देशद्रोही और राष्ट्रविरोधी का आरोप लगाया जा रहा है। उनका चारित्रिक हनन का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में बॉलिवुड की प्रतिभाशाली अभिनेत्री स्वरा भास्कर ने शबाना आजमी के पक्ष में ट्वीट किया है। स्वरा ने अपने ट्वीट में यह लिखा है कि शबाना आजमी पर राष्ट्रविरोधी होने का आरोप लगाने वाले
1989 में हुए वाकये पर भी गौर कर लें।

जो लोग शबाना आजमी को एण्टी बीजेपी कह रहे हैं वो शायद भूल गये हैं जब उन्होंने राजीव गांधी सरकार को फटकारने के बाद इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल को भी बाधित कर दिया था। दिल्ली में नामचीन नाट्यकर्मी और कवि सफदर हाशमी की हत्या के सिलसिले में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया था। उन्हें राशिद किदवई का वो लेख भी पढ़ें। शबाना आजमी ने राशिद किदवई का आर्टिकल शेयर करते हुए कहा कि जो लोग मुझ पर सेलेक्टिव होने का आरोप लगा रहे हैं वह इस लेख को एक बार जरूर पढ़ें। शबाना आजमी ने यह भी कहा कि उनके पिता कैफी आजमी ने ने उस समय पद्मश्री लौटाया था जब कांग्रेस की सरकार थी। वो उत्तर प्रदेश के उस मंत्री के उस बयान का विरोध कर रहे थे जिसमे उसमें कहा ​था कि उर्दू को सेकंड भाषा का दर्जा बनाने की मांग करने वाले लोगों का मुंह काला कर गधे पर परेड करानी चाहिये।

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