हाइलाइट्स:
- लखनऊ स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि आइवरमेक्टिन नाम की दवा केवल कोरोना मरीजों के लिए है
- इससे पहले बुधवार को सीएमओ ने कहा था कि आइवरमेक्टिन कोरोना संक्रमण रोकने में कारगर है
- इसके बाद यह दवा गुरुवार को मेडिकल स्टोरों से गायब हो गई, अचानक मांग बढ़ने से दवा की काला बाजारी होने लगी
लखनऊ के स्वास्थ्य विभाग ने आदेश जारी किया है कि आइवरमेक्टिन नाम की दवा केवल कोरोना संक्रमित, उनके संपर्क में आने वाले और होम आइसोलेशन में रहने वाले ही इस्तेमाल करें। 12 साल से कम उम्र के बच्चों दवा नहीं खिलानी है। इससे पहले सीएमओ की ओर से पेट के कीड़ों के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा आइवरमेक्टिन को कोरोना संक्रमण से बचाव में कारगर बताए जाने के बाद गुरुवार को मेडिकल स्टोरों से यह दवा गायब हो गई।
अचानक मांग बढ़ने से दवा की काला बाजारी होने लगी। आखिरकार गुरुवार शाम तक स्वास्थ्य विभाग को नया आदेश जारी करना पड़ा। चौंकाने वाली बात यह है कि बुधवार को यह दवा बच्चों को भी खिलाने का सुझाव दिया गया था।
बुधवार को दी थी सलाह
लखनऊ के सीएमओ और डीएम की ओर से बुधवार को कोरोना के बचाव में आइवरमेक्टिन के प्रभावी होने की बात कही गई थी। संक्रमण से बचाने के लिए बनी डॉक्टरों की कमिटी ने इस दवा की सिफारिश की थी। हालांकि बुधवार को सीएमओ की तरफ से एक पत्र जारी हुआ जिससे भ्रम पैदा हो गया कि यह दवा सभी को खानी है।
बुधवार को आरडब्लूए के साथ हुई बैठक में डीएम अभिषेक प्रकाश ने 22 अगस्त तक सबको दवा खिलाने का लक्ष्य भी तय कर दिया था। लेकिन इसके बाद डीएम ने भी यह कहा है कि फिलहाल कोरोना पॉजिटिव और उनके संपर्क में आने वालों को ही यह दवा खानी है।