कोरोना वायरस संकट को अवसर के रूप में बदलने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश के सामने ब्योरा रख चुकी हैं। इस पैकेज की कांग्रेस समेत कई एजेंसियां और अर्थशास्त्री आलोचना कर चुके हैं। शनिवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस पैकेज को लगर कई खुलासे किए।
वित्तमंत्री ने कहा कि पैकेज के ऐलान से पहले हमने विभिन्न देशों द्वारा की गई हर घोषणा की तुलना करने से पहले यह देखा कि उनके राहत पैकेज में क्या है? सभी के पैकेजों का अध्ययन किया गया। हर देश अपने राहत पैकेज में राजकोषीय घाटा, मौद्रिक, गारंटी, केंद्रीय तरलता को ध्यान में रखकर घोषणाएं किए। हम उनसे अलग नहीं हैं, अनुपात भिन्न हो सकते हैं। जब विकसित देशों में कुछ संस्थाएं होती हैं, तो उनके लिए एक मार्ग से जाना और दूसरे मार्ग पर कम खेलना संभव होता है।
Before doing this we’ve compared every announcement made by different countries before us to see what their package consisted of. All that has been studied. Every country has brought in basket of measures-fiscal, monetary, guarantee, central liquidty & so on: FM #EconomicPackage pic.twitter.com/G1ljcgGleS
— ANI (@ANI) May 23, 2020
प्रौद्योगिकी के मामले में भारत को बहुत फायदा है, नकदी और अन्य चीजों का हस्तांतरण संभव है। पीएम गरीब कल्याण के तहत हम जन धन खातों के माध्यम से लोगों के हाथों में नकदी पहुंचा सकते हैं। हम ऐसे उपाय लेकर आए हैं, जिससे अर्थव्यवस्था में अधिक तरलता आएगी। यह सोचने के लिए कि अन्य सभी देश केवल बजट से ही आगे निकले हैं और ऐसा नहीं है जैसे उन्होंने सब कुछ किया है। इसके विपरीत वे केंद्रीय बैंक के माध्यम से और अपनी गारंटी और अन्य चीजों के माध्यम से दोनों तरह से तरलता में चले गए हैं।