17वीं लोकसभा के लिये हुए आम चुनाव के परिणाम आ चुके हैं। इस चुनाव में काफी फिल्मी सितारों ने अपनी आमद दर्ज करायी। इन सितारों ने भाजपा और कांग्रेस के टिकटों पर अपनी किस्मत आजमायी। कुछ के हाथ सफलता हाथ लगी तो कुछ लोग मायूस हुए। भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले अधिकांश फिल्मी हस्तियां संसद भवन पहुंचने में सफल हुए। कुछ लोगों को करारी हार का सामना करना पड़ा।
भाजपा की बात करें तो पहले से ही हेमा मालिनी, मनोज तिवारी,धर्मेंद्र, विनोद खन्ना, किरण खेर पिछले लोकसभा चुनाव में ही सांसद बन चुके हैं। इस बार भी भाजपा ने इन्हीं पर दांव खेला और ये लोग दोबारा सांसद बनने में सफल भी हुए। लेकिन इस बार सनी द्योल,रविकिशन,जया प्रदा,सूफी पंजाबी गायक हंसराज हंस, पूर्व क्रिकेटर गौतम गंभीर और निरहुआ को भी बीजेपी ने टिकट दिया। लेकिन गौतम गंभीर,सनी द्योल और रविकिशन ही चुनाव जीत कर संसद पहुंच पाये हैं। रविकिशन पहले भी 2014 में कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर से चुनाव लड़ चुके हैं। लेकिन बुरी तरह चुनाव हार गये थे। इस बार भाजपा की नैया पर सवार हो कर संसद भवन पहुंचने में सफल हो गये हैं।
कांग्रेस से रंगीला गर्ल उर्मिला मातोंडकर और शत्रुघ्न सिन्हा ने भी चुनाव में बाजी लगायी लेकिन बीजेपी की आंधी में ये दोनों ही चुनाव हार गये। शत्रुघ्न सिन्हा तो पिछले कई बार से भाजपा के टिकट पर सांसद बन चुके थे। लेकिन मोदी और शाह की नीतियों से तंग आ कर शाटगन ने बीजेपी को बाय बाय करते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया लेकिन उनका यह फैसला राजनीतिक दृष्किोण से सही नहीं रहा। पटना साहब से कांग्रेस की टिकट पर उन्होंने चुनाव लड़ा और बीजेपी सरकार में मंत्री रविशंकर प्रसाद से बुरी तरह हार गये।
भोजपुरी गायक और कलाकार निरहुआ ने भी राजनीति में प्रवेश किया। भाजपा ने उन्हें आजमगढ़ से टिकट दिया गया। उनका मुकाबला सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव से हुआ। जैसा कि सभी लोगों की उम्मीद थी कि वो चुनाव हार गये। चुनाव प्रचार के दौरान निरहुआ ने एक टीवी चैनल से बात करते हुए कहा था कि दुनिया की कोई ताकत मुझे हरा नहीं सकती। उनका अतिविश्वास ही उन्हें ले डूबा। वहां से अखिलेश यादव आराम से चुनाव जीत कर केन्द्रीय राजनीति में पहुंच गये। भाजपा के टिकट पर गोरखपुर से टिकट भोजपुरी और बॉलिवुड के ऐक्टर रविकिशन को दिया गया जिन पर योगी की मेहरबानी रही। उनकी पुश्तैनी सीट से एक बार फिर भाजपा उम्मीदवार संसद भवन पहुंचने में सफल हुआ। पिछले साल लोकसभा उपचुनाव में गोरखपुर सीट से भाजपा प्रत्याशी चुनाव हार गया था। यहां सपा और बसपा का संयुक्त प्रत्याशी प्रवीण निषाद भारी मतों जीता था। इससे योगी को काफी कुछ सुनना और सहना पड़ा। आमचुनाव में भाजपा ने यह चुनाव जीत कर उपचुनाव की हार की भरपायी कर ली।
उपचुनाव में गोरखपुर सीट से सांसद बने प्रवीण निषाद ने ऐन चुनाव के पहले सपा बसपा के गठबंधन से अपने को अलग करते हुए भाजपा का दामन थाम लिया। उन्हें उम्मीद थी भाजपा उन्हें गोरखपुर से टिकट देगी लेकिन योगी के कहने पर वहां से रविकिशन को उम्मीदवार बनाया गया। चुनाव घोषणा के कुछ दिनों पहले ही रविकिशन ने यूपी के सीएम योगी के सामने भाजपा की सदस्यता ली थी।
सपा से सांसद रहीं जया प्रदा ने भी ठीक चुनाव से पहले बीजेपी मुख्यालय में दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में सदस्यता ली। उन्हें रामपुर से भाजपा का प्रत्याशी बनाया गया, जहां उनके पूर्व राजनीतिक साथी और सपा के टिकट पर रामपुर के उम्मीदवार आजम खां थे। आजम खां ने ही पहली बार सपा के टिकट पर जया प्रदा को रामपुर से सांसद बनाने में अहम् रोल प्ले किया था। आज जया प्रदा और आजम खां राजनीतिक अखाड़े में एक दूसरे के सामने चुनौती देते दिख रहे थे। यह बात और है कि रामपुर के दिग्गज और सपा के बड़े नेता आजम खां के हाथों जया प्रदा को हार का स्वाद चखना पड़ा।
पंजाब के गुरदासपुर से भाजपा ने धर्मेंद्र के बेटे सनी दयोल को टिकट दिया। सनी वहां से जीते भी। सनी के बारे में कहा जा रहा है कि 62 साल के सनी के पास राजनीति में आने के अलावा कोई और चारा भी न था। उन्होंने अपने घर में ही देखा कि उनके पिता धर्मेंद्र और सौतेली मां हेमा मालिनी पिछले कई बार बीजेपी के सांसद रहे हैं। फिल्मी कॅरियर भी ढलान पर हैं। यही सोच कर सनी ने अमित शाह के आफर को स्वीकार कर लिया।
बॉलिवुड ऐक्टर्स और अन्य सेलिब्रिटीज के राजनीति में आने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। एक तो उनका अपने फील्ड में कोई स्कोप नहीं रह गया है। कम से कम हेमा मालिनी, सनी दयोल रविकिशन, निरहुआ और जया प्रदा के बारे में यह कहा ही जा सकता है। इन लोगों को समाज में प्रतिष्ठित होने के लिये राजनीति से अच्छा कोई क्षेत्र नहीं नजर नहीं है। इसमे पांच साल में एक बार जनता के सामने हाथ फैलाने और पांव छूने पड़ते हैं बाकी पांच जनता इनके दर्शन को तरसती है। इनसे पहले भी राजनीति में आने वाले अमिताभ बच्चन, राजेश खन्ना, हेमा मालिनी, विनोद खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा, राज बब्बर, मिथुन चक्रवर्ती, परेश रावल, महेश मांजरेकर, अविनाश बधावन, दीपिका चिखालिया अरविंद त्रिपाठी और अन्य लोग चुनाव लड़ कर सांसद बने और दोबारा जनता के दर्शन नहीं किये। उनके दर्शन वो केवल पांच साल में एक बार ही करते है।