आरोग्य सेतु ने 1.4 लाख लोगों को दिया कोरोना का अलर्ट, केंद्र बोला- यह है हमारा अगला कदम


आरोग्य सेतु ऐप ने किया अलर्ट

नई दिल्ली

भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस (Coronavirus in India) के रिकॉर्ड 4,213 मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि कुछ खास जगहों पर अपेक्षाकृत बड़ी संख्या में मामले देखे गए हैं। अब नियंत्रण के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है ताकि देश सामुदायिक प्रसार के चरण में न पहुंचे। सरकार ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस का पता लगाने वाला ऐप आरोग्य सेतु (Aarogya setu app) सुरक्षित है और इसे लोगों की निजता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। यह कोविड-19 के खिलाफ भारत की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

यह पूछे जाने पर कि क्या बीमारी का सामुदायिक प्रसार हुआ है, स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, ‘देश में कुछ क्षेत्रों के बारे में पता चला है और कुछ खास जगहों पर बड़ी संख्या में मामले भी सामने आए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘और इस संदर्भ में, यदि आपको याद हो तो एम्स निदेशक (डॉ. रणदीप गुलेरिया) ने कहा था कि यदि इन्हें उचित रूप से नियंत्रित नहीं किया गया तो प्रसार की दर अधिक हो जाएगी। इसलिए, हमारे लिए यह महत्वपूर्ण है कि अब हम नियंत्रण प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करें और सुनिश्चित करें कि हम सामुदायिक प्रसार के चरण में न पहुंचें।’

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‘बड़ी संख्या में संक्रमित लोग हुए ठीक’

अग्रवाल ने कहा कि पिछले 24 घंटे में सोमवार सुबह 8 बजे तक कोविड-19 के 4,213 मामले सामने आए हैं और 97 लोगों की मौत हुई है। इसके साथ ही संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 67,152 और मृतकों की संख्या 2,206 हो गई है। मंत्रालय ने कहा कि अब तक कोरोना वायरस के 20,917 रोगी ठीक हो चुके हैं। इससे स्वस्थ होने वालों की दर 31.15 प्रतिशत हो गई है। पिछले 24 घंटे में 1,559 रोगी ठीक हुए हैं जो एक दिन में ठीक होने वालों की अब तक की सर्वाधिक संख्या है।

दो साल में बना ली पहली वैक्‍सीन

  • दो साल में बना ली पहली वैक्‍सीन

    साल 1998 में कंपनी ने दुनिया की पहली सीजियम क्‍लोराइड फ्री हेपेटाइटिस B की वैक्‍सीन बनाई। इसे डॉ एपीजे अब्‍दुल कलाम ने लॉन्‍च किया था।

  • 2006 में बनाई रेबीज वैक्‍सीन

    भारत बायोटेक ने 2006 में कंपनी ने रेबीज की वैक्‍सीन बनाई। तब Rabirix नाम से लॉन्‍च वह क्रोमॅटोग्रैफिकली प्‍यूरिफाइड वैक्‍सीन अब INDIRAB हो गई है।

  • इन्‍फ्लुएंजा टाइप B के लिए भारत की पहली वैक्‍सीन बनाई

    2007 में कंपनी ने इन्‍फ्लुएंजा टाइप B के लिए वैक्‍सीन बनाई। वह इस बीमारी के लिए भारत में बनी पहली वैक्‍सीन थी।

  • 5 बीमारियों के लिए एक वैक्‍सीन पैक

    2009 में भारत बायोटेक ने पेंटावेलेंट कॉम्बिनेशन वैक्‍सीन बनाई। इसे COMVAC 5 के नाम से लॉन्‍च किया गया। इसमें पहले से भरी हुई पांच सीरिंज थीं। ये डिप्‍थीरिया, टिटनस, परट्यूसिस, हेपेटाइटिस B और हीमोफिलस इन्‍फ्लुएंजा टाइप B नाम की 5 बीमारियों के टीके हैं। यह कंपनी का बेस्‍ट-सेलिंग प्रॉडक्‍ट है।

  • स्‍वाइन फ्लू के लिए भारत की पहली वैक्‍सीन

    2010 में कंपनी ने H1N1 स्‍वाइन फ्लू वायरस के लिए भारत की पहली सेल कल्‍चर बेस्‍ड वैक्‍सीन तैयार की।

  • टायफाइड वैक्‍सीन में मारी बाजी

    BBIL ने 2013 में दुनिया की टायफाइड की पहली क्लिनिकली प्रूवेन वैक्‍सीन Typbar TCV लॉन्‍च की।

  • 'मेक इन इंडिया' में बनाई पहली वैक्‍सीन

    साल 2014 में कंपनी ने जापानी इंसेफेलाइटिस के सभी स्‍ट्रेन्‍स की एक वैक्‍सीन JENVAC मार्केट में उतारी। अगले ही साल, भारत बायोटेक ने ‘मेक इन इंडिया’ के तहत पहली वैक्‍सीन बनाई। ROTAVAC नाम की वैक्‍सीन रोटावायरस के लिए बनाई गई थी। वैक्‍सीन को पीएम नरेंद्र मोदी ने लॉन्‍च किया था।

  • जीका वैक्‍सीन के लिए ग्‍लोबल पेटेंट

    जीका वायरस वैक्‍सीन के लिए ग्‍लोबल पेटेंट फाइल करने वाली दुनिया की पहली कंपनी भारत बायोटेक है।

‘आरोग्य सेतु ऐप बिलकुल सुरक्षित’

अधिकार प्राप्त समूह 9 के अध्यक्ष अजय साहनी ने कहा कि मोबाइल ऐप्लिकेशन इसलिए विकसित किया गया है, ताकि लोग संक्रमित रोगियों के संपर्क में आने से पहले सतर्क हो सकें और मदद के लिए पर्याप्त कदम उठाने के वास्ते स्वास्थ्य प्रणाली को सचेत कर सकें। यह समूह प्रौद्योगिकी और डेटा प्रबंधन का काम देखता है। उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु मोबाइल ऐप ने कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऐफ को इस हिसाब से विकसित किया गया है कि लोगों की निजता भंग न हो।

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‘ऐप, नहीं करता है पहचान उजागर’

साहनी ने कहा कि करीब 9.8 करोड़ लोग आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि आरोग्य सेतु ऐप की मदद से कोविड-19 के लगभग 697 संभावित ‘हॉटस्पॉट’ की पहचान की गई। साहनी ने कहा कि ऐप सुरक्षित है और इसका इस्तेमाल केवल स्वास्थ्य उद्देश्य के लिए किया जाता है तथा यह लोगों की पहचान उजागर नहीं करता। उन्होंने कहा कि लगभग इस ऐप का इस्तेमाल करने वाले 1.4 लाख लोगों को ब्लूटूथ संपर्क के जरिए संक्रमित लोगों के नजदीक होने की वजह से संक्रमण के संभावित जोखिम को लेकर सूचना मिली है।

बन गया है ऐप के नाम एक विश्व रेकॉर्ड

साहनी ने कहा कि आरोग्य सेतु का इस्तेमाल करनेवालों की संख्या जल्द ही 10 करोड़ तक पहुंच जाएगी और इसने पांच करोड़ लोगों तक तेजी से पहुंचकर सबसे तेज ऐप होने का विश्व रेकॉर्ड कायम किया है। कुछ खबरों में किए गए इन दावों के बारे में कि सरकार ‘हॉटस्पॉट’ के बारे में धर्म आधारित पहचान करने पर विचार कर रही है, अग्रवाल ने कहा कि यह बहुत ही गैर-जिम्मेदाराना, निराधार और गलत खबर है।

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