
नयी दिल्ली। हाल ही में केन्द्र सरकार ने ई सिगरेट पर बैन लगा दिया है। सरकार का मानना है कि अन्य सिगरेट की तरह यह भी स्वास्थ्य के लिये हानिकारक है। सरकार ने इसके बेचने खरीदने और रखने पर भी बैन लगा दिया है। इस बैन पर लोग मिली जुली प्रतिक्रिया कर रहे है। सरकार का कहना है कि इससे सेहत को खतरा है। बच्चों में भी इसकी लत देखी जा रही है। वहीं पर कुछ लोगों का कहना है कि सिर्फ ई सिगरेट पर ही बैन क्यों लगाया गया है। अन्य तंबाकू पदार्थों व बीड़ी सिग्रेट भी स्वास्थ्य के लिये हानिकारक हैं। सरकार को इन उत्पादों पर बैन क्यों नहीं लगा रही है। यह बात सभी को मालूम है कि नशीले उत्पादों से सरकार को काफी रेवेन्यू मिलता है। अगर वो उपरोक्त उत्पादों पर बैन लगा देगी तो उन्हें राजस्व का काफी नुकसान उठाना पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने ई-सिगरेट के उत्पादन और बिक्री पर पूरी तरह से बैन लगाने का फैसला किया है. बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया. कैबिनेट की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि ई-सिगरेट समाज में एक नई समस्या को जन्म दे रहा है और बच्चे इससे अपना रहे हैं. निर्मला सीतारमण ने कहा कि ई-सिगरेट को बनाना, आयात/निर्यात, बिक्री, वितरण, स्टोर करना और विज्ञापन करना सब पर प्रतिबंध होगा।
क्या है ई-सिगरेट :
ई-सिगरेट या इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट एक बैटरी-चालित डिवाइस होती है, जो तम्बाकू या गैर-तम्बाकू पदार्थों की भाप को सांस के साथ भीतर ले जाती है। आमतौर पर सिगरेट, बीड़ी या सिगार जैसे धूम्रपान के लिए प्रयोग किए जाने वाले तम्बाकू उत्पादों के विकल्प के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली ई-सिगरेट तम्बाकू जैसा स्वाद और एहसास देती है, जबकि वास्तव में इसमें कोई धुआं नहीं होता है। ई-सिगरेट एक ट्यूब के आकार में होती है, और इनका बाहरी रूप सिगरेट और सिगार जैसा ही बनाया जाता है।