कोरोना संकट के बीच प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के मकसद के 20 लाख करोड़ रुपये के जिस आर्थिक पैकेज का ऐलान किया है, वो आत्मनिर्भर भारत अभियान को नई रफ्तार प्रदान करेगा।

राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया है कि राहत पैकेज के तहत कारोबार और निवेश को प्रोत्साहिस करने की दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे। मुफीद टैक्स व्यवस्था, सक्षम मानव संसाधन और मजबूत वित्तीय सहायता से जुड़े तमाम सुधार आने वाले दिनों में देखने को मिलेंगे। 
 

मोदी ने बताया कि वित्त मंत्री सभी क्षेत्रों से जुड़े ऐलान बुधवार से एक-एक करके करेंगी। हालांकि, उन्होंने ये संकेत जरूर दिए कि इस पैकेज में समाज से जुड़े हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। गरीबों, श्रमिकों, प्रवासियों और मछुआरों सहित सभी वर्गों को मजबूत बनाने की दिशा में तैयारी कर ली गई है।

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प्रधानमंत्री ने भारत को आने वाले दिनों में वैश्विक स्तर पर बड़ी आर्थिक ताकत बनाने का रोडमैप भी दिया। उन्होंने कहा कि भारत के पास दुनिया की बेहतरीन प्रतिभा है। इसके इस्तेमाल से हम आने वाले दिनों में सबसे बेहतर उत्पाद बनाएंगे और उसकी गुणवत्ता में सुधार करते हुए आपूर्ति श्रृंखला को भी आधुनिक बनाना होगा।

 

मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए पैकेज में जमीन, श्रमिकों, लिक्विडिटी और जरूरी कानूनों में बदलावों की भी व्यवस्था की जाएगी। उनके मुताबिक इस आर्थिक पैकेज के तहत देश के कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, लघु-मंझोले उद्योग से जुड़े कई ऐलान किए जाने हैं, जो इन क्षेत्रों में काम कर रहे लोगों को राहत पहुंचाएंगे। साथ ही इन तमाम कदमों से जो नया मॉडल उभरेगा, वो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत को ऊंचाई देने में बड़ी भूमिका निभाएगा।

मोदी ने यह भी कहा कि पैकेज में किसानों और मध्यम वर्ग के लिए भी राहत के इंतजाम किए जाएंगे। सरकार की पुरानी योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में सरकार की तरफ से किए गए सुधारों का ही नतीजा है कि कोरोना महामारी के दौर में भी देश की व्यवस्था सक्षम और अधिक समर्थ नजर आई है।

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1.75 लाख करोड़ रुपये की राहत पहले ही
-इस कुल पैकेज में से सरकार 1.75 लाख करोड़ रुपये की राहत का ऐलान लॉकडाउन की शुरुआत में ही कर चुकी है। उस रकम से जरूरतमंदों के खाते में पैसे डाले गए हैं। साथ ही कम आय वर्ग के श्रमिकों के पीएफ खाते में रकम ट्रांसफर करने जैसे दूसरे कई काम किए गए। 

आरबीआई ने की अर्थव्यवस्था को संभालने की पहल
-वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से कोरोना संकट के बाद के आर्थिक हालात को देखते हुए अर्थव्यवस्था को संभालने के कई इंतजाम किए गए हैं। इसमें कर्ज के ब्याज में कटौती और बैंकों में लिक्विडिटी बढ़ाने जैसे उपाय शामिल हैं।





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