Petrol Diesel Price: पिछले एक महीने में डीजल के रेट में 7.45 रुपये और पेट्रोल 6.90 रुपये का उछाल आ चुका है। पिछले महीने 28 सितंबर को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 101.39 रुपये और डीजल की 89.57 रुपये थी। इस दौरान कच्चे तेल का भाव भी 80 डॉलर प्रति बैरल से 85 डॉलर प्रति बैरल को पार गया है। एक महीने पहले आज ही के दिन यानी 28 सितंबर को  लखनऊ में पेट्रोल 98.51 रुपये प्रति लीटर तो डीजल 89.98 रुपये प्रति लीटर था और आज पेट्रोल 105.22 व डीजल 97.48 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है।

अगर पटना की बात करें तो 28 सितंबर 2021 को पेट्रोल 104.04 रुपये प्रति लीटर तो डीजल 95.70 रुपये था और अगर आज की बात करें तो यह 112.04 रुपये और डीजल 103.64 रुपये लीटर पर पहुंच गया है। कोलकाता में एक महीने 101.87 रुपये प्रति लीटर मिलने वाला पेट्रोल अब 108.78 रुपये का हो गया है। वहीं डीजल  92.62 प्रति लीटर से 100.14 रुपये पर पहुंच गया है।

पिछले 7 साल में दिल्ली में यूं बढ़े पेट्रोल-डीजल के रेट

  • 2014-15- पेट्रोल 66.09 रुपये प्रति लीटर, डीजल 50.32 रुपये प्रति लीटर
  • 2015-16- पेट्रोल 61.41 रुपये प्रति लीटर, डीजल 46.87 रुपये प्रति लीटर
  • 2016-17- पेट्रोल 64.70 रुपये प्रति लीटर, डीजल 53.28 रुपये प्रति लीटर
  • 2017-18- पेट्रोल 69.19 रुपये प्रति लीटर, डीजल 59.08 रुपये प्रति लीटर
  • 2018-19- पेट्रोल 78.09 रुपये प्रति लीटर, डीजल 69.18 रुपये प्रति लीटर
  • 2019-20- पेट्रोल 71.05 रुपये प्रति लीटर, डीजल 60.02 रुपये प्रति लीटर
  • 2020-21- पेट्रोल 76.32 रुपये प्रति लीटर, डीजल 66.12 रुपये प्रति लीटर
  • 2021-22 पेट्रोल 105.22 रुपये प्रति लीटर, डीजल 97.48 रुपये प्रति लीटर

राहत की उम्मीद नहीं

वैश्विक रिसर्च फर्म गोल्डमैन सैक्स ने कच्चे तेल का दाम साल के अंत तक 90 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंचने का अनुमान लगाया है। रिसर्च फर्म का कहना है कि कोरोना के कारण आपूर्ति प्रभावित हुई है। वहीं, मांग तेजी से बढ़ी है क्योंकि डेल्टा वैरियेंट का असर पूरी दुनिया से कम हो रहा है। ऐसे में हमारा अनुमान है कि साल के अंत तक कच्चे तेल की कीमत में 10 डॉलर की बढ़ोतरी होगी। अमेरिका में भी तेल का उत्पादन प्रभावित होने से कीमत में बढ़ोतरी होने की आशंका है।

कच्चे तेल महंगा होने का असर

1. रसोई गैस की कीमत बढ़ेगी
2. पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोतरी

3. जरूरी रसायन महंगे हो जाएंगे
4. हवाई इंधन महंगा होगा

5. माल भाड़ा में इजाफा होगा
6.ल्यूब्रिकेंट्स, पेंट महंगे होंगे

7. जहाज, फैक्ट्री की लगात बढ़ेगी
8. रोड के निर्माण लागत में वृद्धि



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