एक मीटर की दूरी कोरोना वायरस के खतरे को 82 फीसदी तक कम कर सकती है। 16 देशों में की गईं 172 स्टडीज के एनालिसिस को लैंसेट पत्रिका ने छापा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस में भी सोशल डिस्टेंसिंग को कोरोना के खतरे से बचने के लिए जरूरी बताया गया है।
Edited By Shivam Bhatt | नवभारत टाइम्स | Updated:
- एक मीटर की दूरी से कोरोना का खतरा 82 फीसदी तक कम होगा
- 16 देशों में की गईं स्टडीज के एनालिसिस को लैंसेट पत्रिका ने छापा
- WHO के मुताबिक, कोरोना से बचाव के लिए सामाजिक दूरी जरूरी
- दुनिया के कई देशों की तरह भारत में भी खोला जा रहा है लॉकडाउन
नई दिल्ली
एक मीटर की दूरी कोरोना वायरस के खतरे को 82 फीसदी तक कम कर सकती है। अस्पताल में या फिर किसी पब्लिक प्लेस में आप लोगों से जितनी दूरी बनाए रखेंगे वायरस का खतरा आपसे उतना ही दूर रहेगा। 16 देशों में की गईं 172 स्टडीज के एनालिसिस को लैंसेट पत्रिका ने छापा है।
इस स्टडी के मुताबिक, दुनिया के तमाम देश लॉकडाउन को खोल रहे हैं। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग बहुत ज्यादा जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि दूरी के साथ-साथ हमें हाथों को भी साफ रखना है। संक्रमित बूंदें 8 मीटर तक जा सकती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की गाइडलाइंस में भी सोशल डिस्टेंसिंग को कोरोना के खतरे से बचने के लिए जरूरी बताया गया है। स्टडी में कहा गया कि कोरोना संक्रमित किसी व्यक्ति से एक मीटर की ज्यादा दूरी रखने पर संक्रमण का खतरा 3 फीसदी तक कम हो सकता है।
भारत में भी खोला जा रहा है लॉकडाउन
दुनिया के कई देशों की तरह भारत में भी दो महीने से ज्यादा की बंदी के बाद लॉकडाउन में काफी हद तक ढील दी गई है। 30 जून तक देश की बंद आर्थिक-सामाजिक गतिविधियों को धीरे-धीरे खोलने का काम होगा। फिलहाल सबसे बड़ी छूट यह दी गई है कि देशवासियों के एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर कोई रोक नहीं होगी। हालांकि महाराष्ट्र, तमिलनाडु जैसे कई राज्यों ने अब भी अंतराज्यीय परिवहन को मंजूरी नहीं दी है।
8 जून से होटल, रेस्तरां, धर्मस्थल भी खुलेंगे
रेलवे भी सोमवार से 100 जोड़ी ट्रेनें चला रहा है और इनमें बुकिंग सामान्य प्रक्रिया के तहत हो रही है। इसके अलावा मॉल, होटल, रेस्ट्रॉन्ट और धार्मिक स्थलों को 8 जून से खोलने की तैयारी है। हालांकि जो इलाके कंटेनमेंट एरिया में आते हैं, वहां ये छूटें नहीं लागू होंगी। फिलहाल 30 जून तक वहां लॉकडाउन की सारी बंदिशें पहले की तरह ही लागू रहेंगी।