वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को आत्म निर्भर भारत मिशन के तहत 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की दूसरी किस्त का ऐलान किया। इस दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार लेबर कोड के जरिए श्रमिकों के हित में बड़े बदलाव करने जा रही है। उन्होंने बताया कि यह अभी संसद में लंबित है और वहां से पास होने के बाद श्रमिकों को इसका लाभ मिलेगा। इसमें यह भी प्रवधान किया गया है कि ग्रेच्युटी का लाभ कर्मचारियों को 5 साल की बजाय एक साल की नौकरी के बाद ही मिलने लगेगा।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार लेबर कोड के जरिए देशभर में सभी कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन दिलाएगी। अभी केवल 30 पर्सेंट कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन मिल पाता है। सरकार लेबर कोड पर काम कर रही है इसके तहत सभी कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन तय किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी राज्यों में न्यूनतम वेतन में अंतर को खत्म किया जाएगा। 

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सभी जिलों में ईएसआईसी की सुविधा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 10 से अधिक कर्मचारियों वाले सभी संस्थानों के लिए देश के सभी जिलों में ईएसआईसी सुविधा को लागू किया जाएगा। 10 से कम कर्मचारी वाले संस्थान भी स्वेच्छा से ईएसआईसी से जुड़ सकते हैं। सभी कर्मचारियों का साल में एक बार स्वास्थ्य परीक्षण कराना अनिवार्य होगा। 

सभी को अपॉइंटमेंट लेटर और स्वास्थ्य की जांच
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस बिल के पास होने के बाद सभी कंपनियों के लिए सभी कर्मचारियों को अपॉइंटमेंट लेटर देना अनिवार्य होगा। इसके अलावा सभी कर्मचारियों का साल में एक बार हेल्थ चेकअप कराना होगा। 

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एक साल में ग्रैच्युटी का लाभ
वित्त मंत्री ने कहा कि 44 लेबर संबंधी कानूनों को 4 लेबर कोड में समाहित किया गया है। यह संसद तक पहुंच गया है। संसद में पारित होने के बाद इसे लागू किया जाएगा। इसमें प्रावधान किया गाय है कि स्थायी कर्मचारियों को एक साल में ही मिलेगा ग्रेच्युटी का लाभ, अभी 5 साल की सेवा के बाद मिलता है। 

अभी कितना और कैसे मिलता है ग्रेच्युटी का लाभ
मौजूदा समय में पांच साल की सेवा पूरी करने के बाद कंपनी द्वारा कर्मचारी को यह लाभ दिया जाता है। यदि पांच साल से पहले नौकरी बदल ली जाए तो इसका लाभ नहीं मिलता है। ग्रेच्युटी का कर्मचारी बेसब्री से इंतजार करते हैं क्योंकि इसमें उन्हें एक अच्छी खासी रकम मिलती है। अभी ग्रेच्युटी की गणना के लिए 15 दिनों के अंतिम न्यूनतम वेतन को कामकाज के साल से गुणा किया जाता है और फिर इस रकम को 26 से भाग किया जाता है। न्यूनतम वेतन में महंगाई भत्ते को भी शामिल किया जाता है। 





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