बेंगलूरू, 11 मई (भाषा) कर्नाटक सरकार ने चीन से बाहर निकलने की राह देख रही बहुराष्ट्रीय कंपनियों को राज्य में निवेश के लिये लुभाने के वास्ते सोमवार को एक विशेष निवेश प्रोत्साहन कार्य बल का गठन किया। राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रधान सचिव गौरव गुप्ता ने कहा कि कोविड- 19 महामारी के चलते कई देश चीन से दूरी बनाना चाहते हैं। भारत के लिये इन उद्योगों को लुभाने का यह एक अवसर है। इन उद्योगों का निवेश पाने के साथ ही देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ाये जा सकेंगे और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी हो सकेगा। कर्नाटक
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भाषा | Updated:
बेंगलूरू, 11 मई (भाषा) कर्नाटक सरकार ने चीन से बाहर निकलने की राह देख रही बहुराष्ट्रीय कंपनियों को राज्य में निवेश के लिये लुभाने के वास्ते सोमवार को एक विशेष निवेश प्रोत्साहन कार्य बल का गठन किया। राज्य के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के प्रधान सचिव गौरव गुप्ता ने कहा कि कोविड- 19 महामारी के चलते कई देश चीन से दूरी बनाना चाहते हैं। भारत के लिये इन उद्योगों को लुभाने का यह एक अवसर है। इन उद्योगों का निवेश पाने के साथ ही देश में रोजगार के अवसर भी बढ़ाये जा सकेंगे और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी हो सकेगा। कर्नाटक सरकार के एक आदेश में कहा गया है, इस स्थिति में भारत बेहतर विकल्प उपलब्ध करा सकता है। भारत में विनिर्माण के लिये बेहतर स्थल उपलब्ध होने के साथ ही एक बड़ा उपभोक्ता बाजार भी मौजूद है। इसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस के प्रसार के कारण जिन कंपनियों का चीन से मोहभंग हो गया और जो अपने विनिर्माण कारखाने को चीन से बाहर ले जाने की इच्छुक हैं, इन कंपनियों को राज्य में निवेश के वास्ते लुभाने के लिये मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक विशेष निवेश प्रोत्साहन कार्यबल गठित किये जाने की आवश्यकता है। इस कार्यबल में जापान, कोरिया, ताइवान के साथ साथ अमेरिका, फ्रांस, सिंगापुर और जर्मनी की कंपनियों के व्यापार प्रोत्साहन संगठनों के प्रतिनिधि और नामिती भी शामिल होंगे। यह कार्यबल उन क्षेत्रों की पहचान करेगा जिनमें कर्नाटक में निवेश आकर्षित किया जा सकता है। उनके लिये विशेष प्रोत्साहन पैकेज और सुविधा केन्द्र भी तैयार किये जायेंगे जो कि इन देशों से निवेश आकर्षित करने के लिये जरूरी होंगे। कर्नाटक सरकार के आदेश में कहा गया है, ‘‘बढ़ती श्रम लागत, कार्यबल की कमी, अमेरिका के साथ जारी व्यापार युद्ध, दक्षिण- पूर्वी एशिया में विनिर्माण केन्द्रों का उत्थान होना और अब एक महामारी का चीन की मुख्य भूमि से निकलना … कोविड-19 के बाद चीन दुनिया की सबसे बड़ी फैक्टरी की पहचान को बनाये रखने में सक्षम नहीं होगा।’’
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