Supreme Court is in lime lite for it's functioning .It seems that SC is favourig Modi Govt. in some important issues
Supreme Court is in lime lite for it's functioning .It seems that SC is favourig Modi Govt. in some important issues

#Supreme Court# CJI DY Chandrachude# Collegium# Law Minister Kran Rejiju# Vice Prez. jagdeep Dhankhad# Ntification Of Judges# Modi Govt.#

सुप्रीमकोर्ट और सरकार के बीच तनातनी क्यों!
सुप्रीमकोर्ट के अपमान को लेकर बाम्बे लायर्स एसोसियेशन ने कानून मंत्री किरण रिजिजू और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के लिये एक याचिका सुप्रीमकोर्ट में लगायी है। इससे पहले असोसियेशन ने बाम्बे हाईकोर्ट में याचिका लगायी थी लेकिन उनकी याचिका यह कहते हुए रद कर दी कि सुप्रीमकोर्ट आसमान की तरह है उसका कोई अपमान नहीं कर सकता है। इस बात से नाराज लायर्स एसोसियेशन ने इस मामले की सुनवायी के लिये सुप्रीमकोर्ट में फरियाद लगायी है। ऐसा इतिहास में पहली बार देखा जा रहा है कि सरकार का कोई मंत्री सुप्रीम कोर्ट व कोलेजियम के खिलाफ आमतौर पर कर रहा है। कानून मंत्री किरण रिजिजू के साथ के देश उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ भी निजी कार्यक्रमों कोलेजियम और सुप्रीमकोर्ट के जजों के खिलाफ टिप्पणी कर रहे हैं।

Why Law Minister Kirn Rejiju and Vice Prez Jagdeep Dhankhad attacking on Supreme Court & colegium
Why Law Minister Kirn Rejiju and Vice Prez Jagdeep Dhankhad attacking on Supreme Court & colegium

उप राष्ट्रपति एक संवैधानिक पद है जो सरकार का हितैषी बन कर बयान नहीं दे सकता है। लेकिन जब से मोदी सरकार सत्ता में आयी है तब से प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति सत्ताधारी दल के नेता के रूप में काम कर रहे हैं। चर्चा में है कि सरकार ओर बीजेपी चाहते हैं कि हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में उनके पंसदीदा लोगों को भी जगह मिले ताकि उनकी सहूलियत के अनुसार फैसले कराये जा सके। लेकिन कोलेजियम इस बात के लिये तैयार नहीं है। यही वजह है कि कानून मंत्री और भाजपा नेता सुप्रीमकेार्ट के जजों को सोशल मीडिया पर गालियां देने का काम कर रहे हैं। हाल ही में कानून मंत्री किरण रिजिजू ने सुप्रीमकोर्ट के रिटायर्ड जजों के बारे में अभद्र टिप्पणी करते हुए उन्हें अंजाम भुगतने की धमकी दी थी। उनके इस बयान की देश भर में निंदा की गयी।

कानून मंत्रालय और सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम के बीच रार
कोलेजियम ने जनवरी में लगभग आधा दर्जन जजों के लिये केन्द्र को लिस्ट भेजी थी। उनमे से कुछ लोगो की नियुक्ति के नोटिफिकेशन कानून मंत्रालय से जारी हो गये हैं लेकिन मद्रास हाइकोर्ट के जज राजेंद्रन सत्यन के नाम पर कानून मंत्रालय से आबजेक्शन लगा दिया गया। उसके पीछे यह कारण बताया गया कि सत्यन ने पीएम मोदी की आलोचना एक लेख में की थी। सरकार की आपत्ति पर कोलेजियम ने सत्यन के नाम को दोबारा भेज दिया था। लेकिन कानून मंत्रालय ने अभी तक उनकी नियुक्ति का नोटिफिकेशन जारी नही किया है।

मोदी सरकार और सुप्रीमकोर्ट के बीच तालमेल नहीं बैठ रहा

पिछले कई माह से देखा जा रहा है कि मोदी सरकार और सुप्रीमकोर्ट के बीच तालमेल नहीं बैठ रहा है। सुप्रीमकोर्ट का कोलेजियम जिन जजो की नियुक्तियों के लिये लिस्ट भेजता है उस पर कानून मंत्रालय अडंगे लगाने का काम करता है। अक्सर कानून मंत्री किरण रिजिजू कोलेजियम और सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ बयान देते रहते हैं। मौका पाते ही अपने बयानों से पलट जाते हैं। दिलचस्प बात यह है कि जब से जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने सीजेआई का पद संभाला है तब से सरकार और सुप्रीमकोर्ट के बीच खींचतान बढ़ गयी है। इससे पहले के सीजेआई मोदी सरकार से सामंजस्य से अपने फैसले देते रहे। इससे सत्ता में बैठे लोग सुप्रीमकोर्ट की हर बात की प्रशंसा करते रहते थे। लेकिन जब डीवाई चंद्रचूड ने सीजेआई पद की कमान संभाली है। तब से मोदी सरकार और उनके मंत्री सीजेआई से खफा चल रहे हैं।

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