कामयाबी: देश में दस लाख लाख कोविड रोगियों के इलाज का ढांचा तैयार


लॉकडाउन के दो महीनों में केंद्र सरकार ने राज्यों की मदद से कोरोना के उपचार के लिए अलग से अस्पताल बनाने की दिशा में अच्छी सफलता हासिल की है। देश में आज सरकार के पास दस लाख कोरोना रोगियों का एक साथ उपचार करने की क्षमता हो गई है। इनमें से करीब सवा तीन लाख बेड ऐसे हैं जहां पर गंभीर रोगियों का इलाज किया जा सकता है। बाकी हल्के लक्षणों के रोगियों के उपचार के लिए हैं।

लॉकडाउन चार में आर्थिक गतिविधयों की छूट दिए जाने के बाद जहां जिन्दगी अब धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है, वहीं बीमारी को लेकर लोगों में भय कम नहीं हुआ है। लेकिन सरकार ने भी स्पष्ट कर दिया है कि लॉकडाउन हमेशा जारी नहीं रह सकता। बीमारी अभी जाने वाली नहीं है। इसलिए बीमारी से बचाव करते हुए जीना है। बीमारी पड़ने वालों का उपचार करना है।

भारत में कोविड-19 मरीजों की संख्या 1.30 लाख के करीब, 1 मई से 94000 नए पॉजिटिव केस

नीति आयोग के सदस्य डा. वी. के. पाल के अनुसार जब दो महीने पूर्व देश में बीमारी बढ़नी शुरू हुई थी तब हमारे पास कोविड रोगियों के लिए अलग से एक भी अस्पताल नहीं था। आज 1093 ऐसे अस्पताल हैं जो सिर्फ कोविड रोगियों के लिए हैं। इनमें 185306 बेड हैं जिनमें 31250 आईसीयू बेड भी शामिल हैं। ये अस्पताल आईसीयू के साथ-साथ वेंटीलेटर की सुविधा से भी लैस हैं तथा उन रोगियों का यहां इलाज हो सकता है जिन्हें आईसीयू या वेंटीलेटर की जरूरत हो। इसी प्रकार 2402 कोविड हैल्थ सेंटर हैं। यहां पर उन कोविड रोगियों का इलाज हो सकता है जो अपेक्षाकृत कम गंभीर हैं तथा अधिकतम उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है। इन अस्पतालों में 138652 ऑक्सीजन बेड हैं। उपरोक्त दोनों श्रेणियों में 3.24 लाख बेड उपलब्ध हैं।

तीसरे चरण में 7013 कोविड केयर सेंटर हैं जिसनें करीब साढ़े छह लाख बेड हैं। यहां हल्के लक्षणों वाले रोगियों का इलाज कराया जाता है। या ये सुविधाएं उन रोगियों के काम आ सकती है जिन्हें ज्यादा इलाज की जरूरत नहीं है, लेकिन बीमारी का फैलाव रोकने के लिए सिर्फ आइसोलेशन की जरूरत है। तीनों श्रेणियों में 9.74 लाख बिस्तरों की व्यवस्था है। सैन्य बलों की सुविधाओं को भी जोड़ दिया जाए, तो यह संख्या दस लाख से ऊपर हो जाती है।

देश में कोरोना वायरस के 70 प्रतिशत मामले सात राज्यों के 11 जिलों से

स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार आईसीयू, ऑक्सीजन और वेंटीलेटर पर जाने वाले मरीजों की संख्या पांच फीसदी से भी कम है। बाकी 95 फीसदी मरीजों में से सिर्फ उन्हीं को अस्पताल में सतत उपचार की जरूरत पड़ रही है जो किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त हैं। करीब 80 फीसदी मरीजों को सिर्फ आइसोलेशन में रखने की जरूरत है। स्वस्थ मरीजों का प्रतिशत बढ़ेगाआने वाले दिनों में स्वस्थ होने वाले मरीजों का प्रतिशत बढ़ेगा। अभी करीब 41 फीसदी मरीज स्वस्थ हो चुके हैं तथा एक्टिव मरीज 59 फीसदी हैं। लेकिन आने वाले दिनों में एक्टिव मरीजों का प्रतिशत घटेगा।





Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here