हाइलाइट्स:
- समाजवादी पार्टी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद से हटाए गए लोटन राम निषाद
- भगवान राम को लेकर समाजवादी पार्टी के नेता लोटन राम ने की थी विवादित टिप्पणी
- लोटन राम ने कहा था- भगवान राम काल्पनिक पात्र हैं, अखिलेश यादव ने जताई नाराजगी
समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता लोटन राम निषाद ने भगवान राम को काल्पनिक बताया तो राजनीतिक दलों की सरगर्मी बढ़ना लाजमी था। दरअसल, इन दिनों एसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भगवान परशुराम की मूर्तियों, ब्राह्मणों पर बात कर रहे हैं। आनन-फानन समाजवादी पार्टी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद से लोटन राम निषाद को हटा दिया गया। एसपी की ओर से कहा गया है कि लोटन राम निषाद की जगह डॉ. राजपाल कश्यप को पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का अध्यक्ष नामित किया गया है।
डॉ. राजपाल कश्यप मौजूदा समय में विधान परिषद के सदस्य भी हैं। इस मामले को लेकर एसपी की ओर से एक पत्र भी जारी किया गया है।
क्या बोले थे लोटन राम निषाद?
लोटन राम निषादने कहा था, ‘राम थे कि नहीं, राम के अस्तित्व पर भी मैं प्रश्न खड़ा करता हूं। राम एक काल्पनिक पात्र हैं। जैसे फिल्मों की स्टोरी बनाई जाती है, वैसे ही राम एक स्टोरी के एक पात्र हैं। राम का कोई अस्तित्व नहीं है। संविधान भी कह चुका है कि राम कोई थे ही नहीं।’
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‘मैं तो उन्हें जानता हूं, जिनसे…’
लोटन राम निषाद ने पिछले दिनों यह भी कहा, ‘अयोध्या में राम का मंदिर बने चाहे कृष्ण का मंदिर, मुझे मंदिर से कोई लेना देना नहीं है, राम के प्रति मेरी आस्था नहीं है। मेरी आस्था बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के संविधान में है। कर्पूरी ठाकुर में और छत्रपति शाहू जी महाराज में है, जिनसे हमें बोलने का, नौकरी में जाने का, पढ़ने-लिखने का और कुर्सी पर बैठने का अधिकार मिला।’ उन्होंने कहा, ‘हमें यह सभी अधिकार ज्योतिबा फूले, सावित्री बाई फूले से मिले हैं, जिनसे मुझे डायरेक्ट लाभ मिला है, मैं उनको जानता हूं।’