वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक पैकेज के तीसरे चरण के बारे में बताते हुए कहा कि सरकार किसानों के लिए तुरंत फार्म गेट के बुनियादी ढांचे के लिए 1 लाख करोड़ रुपये का एग्री-इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड बनाने जा रही है। उन्होंने कहा कि किसान देश का पेट भरने के साथ निर्यात भी करता है। अनाज भंडारण, कोल्ड चेन और अन्य कृषि आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। कृषि उत्पादक संघ, कृषि स्टार्टअप आदि का भी इसका लाभ होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि मैं आज 11 उपायों की घोषणा करूंगा, जिनमें से 8 बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, क्षमता और बेहतर लॉजिस्टिक के निर्माण से संबंधित हैं, जबकि बाकी 3 शासन और प्रशासनिक सुधारों से संबंधित होंगे। उन्होंने बताया कि आज की घोषणाओं में कृषि पर बात की जाएगी। लॉकडाउन अवधि के दौरान दूध की मांग 20-25% कम हो गई।
Government to immediately create a Rs 1 lakh crore Agri-Infrastructure Fund for farm gate infrastructure for farmers:
FM Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/oimwGVZths— ANI (@ANI) May 15, 2020
2020-21 में डेयरी सहकारी समितियों को 2% प्रति वर्ष दर से ब्याज उपदान प्रदान करने की नई योजना लाई गई है। इस योजना में 5000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी से 2 करोड़ किसानों को लाभ होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 74,300 करोड़ रुपये से अधिक की खरीद की गई, पीएम किसान निधि में 18700 करोड़ रुपये का हस्तांतरण किया गया।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कि कोरोना लॉकडाउन के दौरान किसानों के लिए कई कदम उठाए गए। एएसपी के रूप में उन्हें 74 हजार 300 करोड़़ रुपए खर्च किए गए हैं तो पीएम किसान के जरिए उन्हें 18 हजार 700 करोड़ रुपए दिए गए हैं। पीएम फसल बीमा योजना के तहत 6400 करोड़ रुपए का मुआवाजा दिया गया है। लॉकडाउन के दौरान दूध की डिमांड 20-25 पर्सेंट घट गई थी इसलिए उनका 11 करोड़ लीटर अतिरिक्त दूद की खरीद की गई ह। इस पर 4100 करोड़ रुपए खर्च किए गए।