केंद्र सरकार ने असंगठित क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए एक नया राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण शुरू किया है। इस सर्वे में 10 से कम श्रमिकों को रोजगार देने वाली कंपनियों को शामिल किया जाएगा। केंद्रीय श्रम मंत्रालय का श्रम ब्यूरो, डेटा और सांख्यिकी विंग सभी राज्यों में सर्वे कर और डेटा इकट्ठा कर तिमाही रिपोर्ट पेश करेगा। श्रम मंत्रालय द्वारा किया जाने वाला यह दूसरा तिमाही रोजगार सर्वेक्षण होगा।
पहले सर्वेक्षण में 10 या अधिक लोगों को रोजगार देने वाली असंगठित क्षेत्र की कंपनियों को शामिल किया गया था। वर्तमान सर्वेक्षण के परिणाम दिसंबर तक सामने आएंगे। श्रम और रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहा कि केंद्र सरकार डेटा आधारित नीति निर्माण के पक्ष में है। इससे संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के डेटा मददगार होंगे। वित्त वर्ष 2023 की पहली तिमाही से संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों में रोजगार सृजन की संख्या एक साथ प्रस्तुत की जाएगी।
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श्रम अर्थशास्त्री और सांख्यिकीविद् एसपी मुखर्जी द्वारा डिजाइन किया गया यह सर्वेक्षण नौकरी क्षेत्र और रोजगार सृजन पर एक समग्र दृष्टिकोण नीति निर्माण और श्रम बाजार की स्पष्ट तस्वीर रखने में फायदेमंद होगा। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, दोनों तिमाही सर्वेक्षणों को मिलाकर लगभग 150,000 छोटे, मध्यम, बड़े और बहुत बड़े प्रतिष्ठानों से डेटा एकत्र किया जाएगा।
हाल ही में नौ क्षेत्रों की रिपोर्ट जारी किया गया
हाल ही में सरकार ने निर्माण, विनिर्माण और आईटी/बीपीओ सहित नौ चुनिंदा क्षेत्रों के आंकड़े जारी किए थे। इसके अनुसार, वित्त वर्ष 2021-22 की अप्रैल-जून तिमाही के दौरान 3.08 करोड़ रोजगार के मौके रहे, जो 2013-14 की आर्थिक गणना में पाए गए 2.37 करोड़ मौकों के मुकाबले 29 प्रतिशत बढ़ोतरी को दर्शाता है। सरकार द्वारा जारी तिमाही रोजगार सर्वेक्षण (क्यूईएस) की आंकड़ों के अनुसार, देश के अहम नौ कारोबारी क्षेत्रों में करीब दो लाख रिक्तियां यानी नौकरी के मौके हैं।
क्यूईएस के आंकड़ों के अनुसार, कुशल कामगारों की कमी सहित अन्य वजहों से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में नौ क्षेत्रों में करीब 1,87,062 रिक्तियां हैं। जिन नौ क्षेत्रों को शामिल किया गया है उनमें विनिर्माण क्षेत्र, निर्माण, व्यापार, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और रेस्तरां, आईटी/ बीपीओ और वित्तीय सेवाएं शामिल हैं। इन अहम क्षेत्रों में 308 लाख लोग काम करते हैं। इन रिक्तियों में विनिर्माण क्षेत्र की हिस्सेदारी आधे से ज्यादा है क्योंकि इस अवधि के दौरान यहां 99,429 रिक्तियां यानी जॉब के मौके उपलब्ध हैं। विनिर्माण क्षेत्र के करीब 4.5 कंपनियों ने अपने यहां जगह खाली होने की बात बताई हैं। आईटी-बीपीओ में भी इतने ही कंपनियों ने इस अवधि के दौरान रिक्तियां बताई हैं। इस सेक्टर के 2,793 कंपनियों में रिक्तियां हैं।