केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार (19 मई) को कलकत्ता उच्च न्यायालय में कहा कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस (कोविड-19) की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए मंत्रालय की एक टीम राज्य का दौरा करने के लिए तैयार है। राज्य में कोविड-19 की स्थिति के कुप्रबंधन का आरोप लगाने वाली एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि यदि केंद्रीय गृह मंत्रालय की कोई टीम राज्य का दौरा करती है, तो वह उसकी अपनी मर्जी पर होगा न कि इस अदालत के किसी आदेश पर।

अदालत ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और पश्चिम बंगाल सरकार को रिट याचिका में कही गई बातों पर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया। इस याचिका में राज्य में कोविड-19 की स्थिति से निपटने में प्रशासन द्वारा कुप्रबंधन करने का आरोप लगाया गया है। मुख्य न्यायाधीश टीबीएन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ने निर्देश दिया कि अगली सुनवाई की तारीख 26 मई को या उससे पहले उसके सामने रिपोर्ट रखी जाए।

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याचिकाकर्ता कबीर शंकर बोस ने अपनी याचिका में आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में राज्य प्रशासन ने कोविड-19 की स्थिति से निपटने में कुप्रबंधन किया। गृह मंत्रालय के वकील वाईजे दस्तूर ने कहा कि मंत्रालय की एक टीम स्थिति का निरीक्षण करने के लिए तैयार है और फिर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाएगी। उनका विरोध करते हुए राज्य के महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने कहा कि पहले ही एक केंद्रीय टीम पश्चिम बंगाल का दौरा कर चुकी है और उसने पर्याप्त सामग्री जुटाई थी। ऐसे में अब किसी केंद्रीय टीम के दौरे की जरूरत नहीं है।

पश्चिम बंगाल में कोविड-19 से छह लोगों की मौत, 136 नए मामले
दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 से छह लोगों की जान जाने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 178 तक पहुंच गई है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार (19 मई) को बताया कि राज्य में इस अवधि के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के 136 नए मामले सामने आने के बाद कुल इलाजरत मरीजों की संख्या 1,637 तक पहुंच गई है।





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